आंगनबाड़ी में बच्चों को दरी-खिलौने तक नसीब नहीं -पोषण माह में हो रहे लाखों खर्च, भेज दिए फर्जी आंकड़े

In Anganwadi, there is no luck for children with toys and toys - lakhs of expenses are being spent in nutritional
आंगनबाड़ी में बच्चों को दरी-खिलौने तक नसीब नहीं -पोषण माह में हो रहे लाखों खर्च, भेज दिए फर्जी आंकड़े
आंगनबाड़ी में बच्चों को दरी-खिलौने तक नसीब नहीं -पोषण माह में हो रहे लाखों खर्च, भेज दिए फर्जी आंकड़े

डिजिटल डेस्क कटनी । आंगनबाड़ी की हकीकत जानने के लिए केंद्रीय दल के दौरे ने महिला बाल विकास विभाग के अफसरों की चिंता बढ़ा दी है। सितम्बर में पोषण माह के दौरान 1710 आंगनबाड़ी केन्द्रों में गतिविधियों का ऐसा कागजी घोड़ा दौड़ाया कि यह आंकड़ा 100 प्रतिशत को पार करते हुए 523 प्रतिशत पर जा पहुंचा। प्रदेश में दूसरा स्थान पाकर तो अधिकारियों ने अपनी पीठ थपथपा ली, लेकिन अब दल के दौरे से कलई खुलने का डर अधिकारियों को सता रहा है। पोषण माह में कराई गई गतिविधियां और केन्द्रीय दल के आहट को लेकर दैनिक भास्कर ने जब शहर के तीन आंगनबाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण किया, तब वहां पर उसी तरह से बदहाल व्यवस्थाएं मिली। जिस तरह से पोषण माह के पहले रहीं। केन्द्रों में बच्चों के बैठने के लिए दरी भी नहीं थी। खिलौने तो कब से नहीं भेजे हैं।इसकी जानकारी अफसरों को भी नहीं है। इसके बावजूद पोषण माह में करीब 10 लाख खर्च कर अफसरों ने अपनी सेहत सुधारने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
केन्द्र क्रमांक : 103
वंशस्वरुप वार्ड में स्थापित इस आंगनबाड़ी केन्द्र में मासूमों का बचपन अव्यवस्थाओं के बीच बीत रहा है। यहां पर कहने के लिए दो कमरे हैं, लेकिन उनके कमरे का क्षेत्रफल इतना कम है कि यदि एक साथ दर्ज 18 बच्चे पहुंच जांए तो वे एक कमरें में नहीं बैठ सकते। एक अन्य कमरे में झूला लगा हुआ है। साथ ही यह स्टोर रुम भी है। सोमवार दोपहर जब यहां पर पहुंचकर जायजा लिया गया तो केन्द्र में 8 से 9 बच्चे ही मौजूद रहे। कमरे के बाहर गेट के मुख्य द्वार में श्वान खड़ा रहा। सामने कच्ची नाली से उठते दुर्गंध को दूर से ही महसूस किया जा सकता था।
केन्द्र क्रमांक : 87
मदन मोहन चौबे वार्ड का यह केन्द्र अव्यवस्थाओं से घिरा रहा। 20 दर्ज बच्चों में से 8 बच्चे ही यहां उपस्थित मिले। आधे से अधिक बच्चे केन्द्र में नहीं पहुंचे हुए थे। यहां पर दो बच्चे कुपोषित की श्रेणी में हैं। बच्चों के बैठने के लिए यहां पर दरी नहीं रही। जिस संबंध में कार्यकर्ता ने बताया कि दरी को अंदर रखा गया है। एक कमरे में संचालित होने वाली आंगनबाड़ी केन्द्र में बैठने तक के लिए जगह नहीं है।
केन्द्र क्रमांक : 89
यहां पर 18 बच्चे दर्ज हैं। जिसमें सोमवार को 10 बच्चे पहुंचे हुए थे। जिस समय इसे मतदान केन्द्र  बनाया गया था। उस समय तो केन्द्र में बिजली की  यवस्था थी। लेकिन मतदान होने के बाद बिजली आपूर्ति रोक दी गई। बच्चों को बैठाने के लिए बोरियों का सहारा लेना पड़ रहा है। खेल सामग्री भी बच्चों के लिए नहीं है। दो कमरों में संचालित होने वाली आंगनबाड़ी केन्द्र के हाल-बेहाल हैं।
रिपोर्ट पर सवालिया निशान
बदहाल आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्थिति के बाद पोषण माह में भेजी गई रिपोर्ट पर सवालिया निशान लगाया जा रहा है। 24 दिन में एक आंगनबाड़ी केन्द्र में एक दिन में औसतन 4 गतिविधियां आयोजित की जानी थी। लेकिन यहां पर इससे पांच गुना अधिक गतिविधि आयोजित की गई। जिसमें महिला बाल विकास विभाग के ही सूत्रों का कहना है कि  पोषण अभियान में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ से  लक्ष्य से अधिक एंट्री करवाई गई है। जिसमें कार्यक्रम का फोटो भी नहीं है। रात-रात भर कार्यकर्ता दवाब में रहकर मोबाइल से एंट्री किए। जिससे तो कागजी घोड़ा छलांग लगाते हुए चला लेकिन आंगनबाड़ी केन्द्रों की बदहाल स्थिति बनीं रही।
तो फिर सामने आएगा झूठ
सोमवार को जिस तरह से आंगनबाड़ी केन्द्रों में अव्यवस्थाएं देखने को मिली। उसे देखने के बाद यही कहा जा सकता है कि यदि सोमवार को केन्द्रीय दल औचक निरीक्षण करने पहुंचती तो तो फिर आंगनबाड़ी केन्द्र की वह तस्वीर सामने आती। जिस पर परदा डालने के लिए कागजी घोड़ा दौड़ाने का काम अधिकारी कर रहे हैं। 18 नवंबर से 22 नवंबर के बीच प्रदेश के किसी भी दो आंगनबाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण अधिकारी कर सकते हैं। इस दल में विश्व बैंक के प्रतिनिधि भी शामिल रहेंगे।
इनका कहना है
पोषण माह में बराबर गतिविधियां आयोजित की गई हैं। इसकी लायब्रेरी बनाई जा सकती है। रही बात केन्द्रों में दरी और अन्य व्यवस्थाएं नहीं होने को तो यह स्थिति पूरे प्रदेश में बनीं हुई है। तीन वर्ष से दरी नहीं आई है, आंगनबाड़ी केन्द्रों में फर्नीचर और अन्य सामग्री की व्यवस्था भोपाल स्तर से होनी है।
- नयन सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास विभाग कटनी
 

Created On :   19 Nov 2019 8:39 AM GMT

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