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औरंगाबाद में इस कारण पानी की किल्लत का सामना कर रहे लोग
डिजिटल डेस्क, मुंबई। औरंगाबाद महानगरपालिका के पास पानी उठाने की पर्याप्त क्षमता (वॉटर लिफ्टिंग) न होने के कारण शहर के लोगों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। गोदावरी मराठवाड़ा इरिगेशन डेवलपमेंट कार्पोरेशन (जीएमईडीसी) ने जल संसाधन नियामक प्राधिकरण के पास हलफनामा दायर कर यह दावा किया है। कार्पोरेशन ने यह हलफनामा प्राधिकरण की ओर से 26 अक्टूबर 2020 को जारी की गई, नोटिस के जवाब में दायर किया है। अधिवक्ता यशोदीप देशमुख के मार्फत दायर हलफनाम में कार्पोरेशन ने कहा है कि उसने औरंगाबाद महानगरपालिका की मांग के मुताबिक जायकवाड़ी बांध से 58 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) पानी उपलब्ध कराया है। यहीं नहीं कार्पोरेशन ने औरंगाबाद शहर की साल 2052 तक की संभावित जरुरत को ध्यान में रखते हुए उसके लिए 184.86 एमसीएम पानी के लिए मंजूरी दी है। लेकिन औरंगाबाद महानगरपालिका के पास वाटर लिफ्टिंग की पर्याप्त व्यवस्था न होने के कारण वह मंजूर पानी में से सिर्फ 58 एमसीएम पानी ही ले पा रही है। इस वजह से औरंगाबाद शहर के लोगों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। कार्पोरेशन जल संसाधन नियामक प्राधिकरण के साल 2017 में दिशा-निर्देशों के तहत मनपा को पानी उपलब्ध कराती है। कार्पोरेशन ने प्राधिकरण के किसी मानक व दिशा निर्देश का उल्लंघन नहीं किया है।
प्राधिकरण ने लिया था स्वतः संज्ञान
औरंगाबाद शहर के लोगों को हो रही पानी की दिक्कत का प्राधिकरण ने पिछले दिनों स्वयं संज्ञान लिया था। और इस मामले को लेकर औरंगाबाद के जिला अधिकारी, गोदावरी-मराठवाडा इरिगेशन डेवलपमेंट कार्पोरेशन के कार्यकारी निदेशक व औरंगाबाद महारनगरपालिका आयुक्त को नोटिस जारी किया था। हलफनामे के मुताबित कार्पोरेशन का काम नागरिकों को पानी की आपूर्ति करना नहीं है उसे मनपा को पानी उपलब्ध कराना है। नागरिकों को स्वच्छ व पर्याप्त जलापूर्ति मनपा की जिम्मेदारी है। इसमें कार्पोरेशन की कोई भूमिका नहीं है। अधिवक्ता देशमुख ने ‘दैनिक भास्कर’ से बातचीत में बताया कि जायकवाडी बांध में पानी की कमी नहीं है। चूंकि औरंगाबाद महानगरपालिका के पास वाटर लिफ्टिंग की तकनीकी क्षमता नहीं है। इसके चलते औरंगाबाद शहरवासियों को अक्सर सप्ताह में सिर्फ एक दिन ही एक घंटे के लिए पानी मिलता है।
Created On :   26 Nov 2020 7:05 PM IST