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अवमानना में वन विभाग के एसीएस तलब, हाईकोर्ट ने पूछा क्यों न दण्डित किया जाए?
डिजिटल डेस्क जबलपुर । एक अवमानना मामले पर हाईकोर्ट ने वन विभाग के एडीशनल चीफ सेक्रेटरी (एसीएस) केके सिंह को 22 नवम्बर को हाजिर होने के निर्देश दिए हैं। बुधवार को जस्टिस संजय यादव और जस्टिस अतुल श्रीधरन की युगलपीठ ने श्री सिंह को शोकॉज नोटिस जारी कर यह भी बताने कहा है कि डेढ़ साल पहले दिए आदेश के बाद रिटायर्ड चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट (सीसीएफ) को नई दर से पेंशन का भुगतान क्यों नहीं किया जा रहा है?
रिटायर हो चुके पेंशनरों को भी लाभ मिलना था
भोपाल में रहने वाले चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट के पद से सेवानिवृत्त आरडी शर्मा की ओर से यह अवमानना याचिका दायर की गई है। आवेदक का कहना है कि इण्डियन फॉरेस्ट सर्विस में उनका चयन 1964 में हुआ था और उन्हें मप्र कैडर आवंटित हुआ था। वे प्रिंसिपल चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट के पद पर पदोन्नत किए गए और 1 जुलाई 1997 को वन विभाग के प्रमुख पद पर भी नियुक्त हुए। इसके बाद 31 दिसंबर 2001 को वे सेवानिवृत्त हुए। श्री शर्मा का कहना है कि 6वें वेतन आयोग की अनुशंसा पर केन्द्र सरकार ने वर्ष 2008 के नियमों में बदलाव करके 29 जुलाई 2008 को अधिसूचना जारी करके वन विभाग के प्रमुख का वेतनमान बढ़ा दिया। इसका लाभ 1 जनवरी 2006 से पहले रिटायर हो चुके पेंशनरों को भी मिलना था। संशोधन के मुताबिक पेंशन न दिए जाने पर याचिकाकर्ता ने एक याचिका वर्ष 2013 में हाईकोर्ट में दायर की थी। 28 अप्रैल 2017 को हाईकोर्ट ने याचिका मंजूर करके राज्य सरकार को आदेश दिए थे कि याचिकाकर्ता को केन्द्र सरकार द्वारा तय वेतनमान के अनुसार ही पेंशन का भुगतान 3 माह में किया जाए। साथ ही बकाया राशि का भुगतान 8 प्रतिशत ब्याज के साथ किया जाए। इस आदेश का पालन न होने पर यह याचिका दायर की गई।
मामले पर बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रविनंदन सिंह व अधिवक्ता अक्षय पवार ने पक्ष रखा। युगलपीठ ने आदेश का पालन न होने को गंभीरता से लेते हुए वन विभाग के एडीशनल चीफ सेक्रेटरी को शोकॉज नोटिस जारी कर 22 नवम्बर को हाजिर होने के निर्देश दिए। युगलपीठ द्वारा मामले पर सुनाए गए विस्तृत आदेश की फिलहाल प्रतीक्षा है।
Created On :   21 Nov 2019 1:20 PM IST