जनकपुर में पानी के लिए त्राहि-त्राहि, शुल्क देकर ले रहे पानी।

In Janakpur, there is a commotion for water, taking water by paying a fee.
जनकपुर में पानी के लिए त्राहि-त्राहि, शुल्क देकर ले रहे पानी।
डिब्बों से पानी भरने के लिए लगी लोगों की कतारें जनकपुर में पानी के लिए त्राहि-त्राहि, शुल्क देकर ले रहे पानी।

डिजिटल डेस्क, पन्ना। पन्ना जिले में सिर्फ कागजों पर दिख रही है योजनायें पेयजल के लिए दर-दर ग्रामीण भटक रहें हैं। इन दिनों गर्मी अपने चरम पर है सूर्य नारायण का पारा इस कदर बढ रहा है कि आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। इस बीच ग्रामीण अंचलों में लगातार लू की चपेट में आम जीवन के लिए मूलभूत सुविधाओं आने वाला पेयजल भी प्राप्त करना दूभर हो जाता है। लगातार बढ रही गर्मी के चलते ग्रामीण अंचलों में पेयजल संकट भयंकर रूप से गहरा रहा है। ऐसे ही हालात मुख्यालय से 06 किलोमीटर दूरी पर स्थित जनकपुर के हैं। जहां पर पानी उन्हें शुल्क देकर मिल रहा है। अभी कुछ माह पहले नगर पालिका परिषद की सीमा को बढाते हुए उसमें पुरूषोत्तमपुर, जनकपुर, पुराना पन्ना, गहरा, कुंजवन ग्राम पंचायतों को शामिल किया गया लेकिन यहां पर कुछ भी ऐसा बदलाव देखने को नहीं मिल रहा है, कि वह शहरी क्षेत्र का हिस्सा बन गये हैं।

आज 20 अप्रैल को सुबह तकरीबन 08 बजे अचानक मुख्य सडक के किनारे सैकडों की तादात में पानी के डिब्बे और वहां लगी भीड पर नजर पडी तो रूककर पूंछतांछ की तो पता चला कि जनकपुर के अंदर 06 हैण्डपम्प है जिसमें से पांच खराब है व एक हैण्डपम्प में लाल पानी निकल रहा है, जोकि पानी योग्य नहीं गांव के अंदर पानी की बहुत समस्या है। जनकपुर के निजी बोर से हम लोग पानी भरते हैं जिसका शुल्क भी माह में देना पड़ता है। यह वहां के वाशिदों ने बतलाया है, उनका यह भी बतलाया कि कलेक्टर से लेकर नगर पालिका में कई बार जानकारी देने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की गई। जिससे पानी की बहुत समस्या है। वहां के रहवासियों ने बतलाया कि एक घण्टे सुबह बोर चलता है। जिससे आधे से ज्यादा जनकपुरवासी आकर पानी भरते हैं। यदि यह प्रायवेट बोर मालिक पानी नहीं देते तो यहां की हालत और खराब हो जाती। शासन-प्रशासन को मुख्यालय से सटे जनकपुर में पेयजल की त्राहि-त्राहि जो मची हुई है। इसको तत्काल संज्ञान में लेकर निराकरण करना चाहिए। जिले के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की भी लापरवाही की वजह से पूरे जिले के अंदर हैण्डपम्प बिगडे पडे हैं। वहीं नलजल योजना भी कई गांवों में ठप्प पडी हुई है। जिसका खामियाजा आम जनता को भोगना पड रहा है। 

इनका कहना है-

एक हैण्डपम्प में बैक्टीरिया है, इसीलिए चालू नहीं कर सकते हैं, एक की गहराई की समस्या है, ताकि जो हैण्डपम्प बंद होने की जानकारी आपयने दी है, उसको शीघ्र ही मैदानी अमला भेजकर दुरूस्त कराया जायेगा। 
जिन ग्राम पंचायतों को नगर पालिका परिषद में शामिल किया गया है वहां की पेयजल की व्यवस्था सचिव व पीएचई विभाग देख रहा है। जरूरत पड़ने पर नगर पालिका भी सहयोग करती है। 

Created On :   20 April 2022 7:36 PM IST

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