मराठवाड़ा वॉटर ग्रिड परियोजना के पहले चरण को  सैद्धांतिक मंजूरी, 10 लाख रुपए तक कामों के लिए ई-टेंडर जरूरी नहीं

In-principle approval for first phase of Marathwada water grid project- Deshmukh
मराठवाड़ा वॉटर ग्रिड परियोजना के पहले चरण को  सैद्धांतिक मंजूरी, 10 लाख रुपए तक कामों के लिए ई-टेंडर जरूरी नहीं
मराठवाड़ा वॉटर ग्रिड परियोजना के पहले चरण को  सैद्धांतिक मंजूरी, 10 लाख रुपए तक कामों के लिए ई-टेंडर जरूरी नहीं

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में मराठवाड़ा वॉटर (पानी) ग्रिड परियोजना के पहले चरण को सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है। उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अध्यक्षता में मराठवाड़ा की पानी समस्या पर हुई बैठक में यह फैसला लिया गया है। परियोजना के लिए अब जल्द ही राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी ली जाएगी। मंत्रालय में गुरुवार को प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री अमित देशमुख ने यह जानकारी दी। देशमुख ने कहा कि औरंगाबाद, लातूर और बीड़ के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण मराठवाड़ा वॉटर ग्रिड परियोजना के पहले चरण को सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है। इससे जायकवाड़ी और उजनी बांध के शाश्वत स्त्रोतों से औरंगाबाद, लातूर और बीड़ जिले को पानी मिलने का रास्ता साफ हो गया है। देशमुख ने कहा कि भाजपा सरकार के समय मराठवाड़ा वॉटर ग्रिड परियोजना को शुरू करने का फैसला लिया गया था लेकिन महाविकास आघाड़ी सरकार में मराठवाड़ा वॉटर ग्रिड परियोजना को रद्द करने के बारे में कोई फैसला नहीं लिया गया था। देशमुख ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत गांवों और शहरों में नल से पीने के लिए पानी उपलब्ध कराना है। यदि जल जीवन मिशन को सफल बनाना है तो मराठवाड़ा वॉटर ग्रिड परियोजना को लागू करने आवश्यक है। 


पीडब्ल्यूडी के 10 लाख रुपए तक के कामों के लिए ई-टेंडर जरूरी नहीं

प्रदेश सरकार के सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग (पीडब्ल्यूडी) के 10 लाख रुपए तक के कामों के लिए अब ई-टेंडर की आवश्यकता नहीं होगी। सरकार ने पीडब्ल्यूडी के कामों के लिए ई-टेंडर की मर्यादा को 3 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपए कर दिया है। इसके राज्य में अब पीडब्ल्यूडी के 10 लाख रुपए से अधिक राशि के कामों के लिए ही ई-टेंडर अनिवार्य होगा। गुरुवार को सरकार के पीडब्ल्यूडी ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया। इसके अनुसार राज्य के उद्योग विभाग ने बीते 7 मई 2021 को शासनादेश जारी करके 10 लाख से अधिक राशि के कामों के लिए ई-टेंडर अनिवार्य किया था। इसी के आधार पर पीडब्ल्यूडी ने इस फैसले को लागू किया है। इससे पहले पूर्व की फडणवीस सरकार ने अनियमितताओं पर लगाम लगाने के लिए 27 सितंबर 2018 को पीडब्ल्यूडी के 3 लाख रुपए से अधिक राशि के कामों के लिए ई-टेंडर लागू करने का फैसला किया था। लेकिन अब महाविकास आघाड़ी की सरकार ने पूर्व की फडणवीस सरकार के एक और फैसले को पलट दिया है। 
 

Created On :   20 May 2021 10:18 PM IST

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