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अवैध होर्डिंग्स मामले में कर और अतिक्रमण विभाग में ठनी
डिजिटल डेस्क, नागपुर. हर समय आर्थिक संकट का रोना रोने वाली मनपा, विज्ञापन एजेंसियों से करोड़ों रुपए की वसूली पर ध्यान न देकर फुटपाथ पर कार्रवाई को प्राथमिकता दे रही है। सालों से अवैध होर्डिंग्स लगाकर कमाई करने वाली 25 विज्ञापन एजेंसियों पर कार्रवाई की जानी है। एजेंसियों पर कार्रवाई का स्थगन भी हाईकोर्ट हटा चुकी है, फिर भी जानबूझकर कोताही की जा रही है। पिछले 8 सालों से 12.82 करोड़ में सिर्फ 6 करोड़ ही कर विभाग वसूली कर पाया है। कार्रवाई को लेकर मनपा का कर विभाग और अतिक्रमण विभाग एक-दूसरे पर सहयोग नहीं करने का आरोप लगाकर अपने-अपने तर्क दे रहे हैं। हालांकि अधिकारी यह भी दावा कर रहे हैं कि होर्डिंग्स हटाने की कार्रवाई शुरू की गई है।
कंपनियां कमा रहीं मुनाफा
पिछले 10 साल में शहर में निजी संपत्तियों पर निजी विज्ञापन एजेंसियों ने परस्पर रूप से होर्डिंग्स लगाए हैं। इसके लिए लीज रकम का भुगतान तक नहीं किया गया है। पिछले साल विज्ञापन विभाग ने अवैध होर्डिंग्स को लेकर सर्वेक्षण कराया, जिसमें पता चला कि होर्डिंग्स, बैनर और अन्य फलकों को लगाने वाली एजेंसी मुनाफा तो कमा रही है, लेकिन मनपा को लाइसेंस शुल्क की रकम भुगतान नहीं कर रही है। विज्ञापन विभाग ने 25 एजेंसियों पर लाइसेंस शुल्क की 2012 से 2019 तक करीब 12.82 करोड़ रुपए की वसूली काे लेकर नोटिस जारी किया। तब एजेंसियों ने वसूली प्रक्रिया को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
12.82 करोड़ में से 6 करोड़ ही मिले : हाईकोर्ट ने 25 मार्च को मनपा को एजेंसियों के खिलाफ कार्रवाई पर 8 सप्ताह की रोक लगाई थी। इस दौरान अलग बैंक खाते में सभी एजेंसी से भुगतान होने वाली राशि का ब्योरा दर्ज करना था। इस माह तक 25 एजेंसियों से करीब 6 करोड़ रुपए मनपा को मिल चुके हैं। अब सख्ती से रकम वसूली के लिए कर विभाग ने होर्डिग्स निकालने की कार्रवाई शुरू की है, लेकिन कार्रवाई के लिए अतिक्रमण विभाग के दल नहीं मिल रहे हैं। अतिक्रमण विभाग की ओर से विशेषज्ञ कर्मचारियों और फेब्रिकेशन उपकरणों की कमी समेत अन्य तर्क दिए जा रहे हैं, जबकि फुटपाथों पर दुकान लगाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
संसाधनों की कमी : अवैध होर्डिंग्स हटाने को लेकर अतिक्रमण विभाग के अजीबोगरीब तर्क दिए जा रहे हैं। अधिकारियों के मुताबिक शहर में होर्डिंग्स के लोहे को काटने के लिए जेसीबी मशीन समेत कटर मशीन चाहिए, जबकि विभाग के मजदूरों को केवल इमारतों को तोड़ने और सामान्य अतिक्रमण को हटाने का अनुभव है। ऐसे में कर विभाग द्वारा अतिरिक्त संसाधनों के साथ विशेषज्ञ टीम को लगाना चाहिए।
वसूली को अवैध करार देने की कोशिश
याचिका में एजेंसियों ने मनपा का विज्ञापन कर वसूली को अवैध करार करने का प्रयास किया। एजेंसियों के मुताबिक सभी कर को राज्य सरकार ने जीएसटी में शामिल कर दिया, ऐसे में मनपा अलग से विज्ञापन शुल्क नहीं वसूल सकती है। मनपा ने हाईकोर्ट में बताया कि विज्ञापन नीति में विज्ञापन शुल्क का प्रावधान नहीं है, लेकिन मनपा नियमावली की धारा 53 के तहत लाइसेंस शुल्क वसूल करने का अधिकार है। करीब 3 माह पहले हाईकोर्ट ने स्थगन आदेश को हटा दिया है, फिर भी वसूली नहीं की जा रही है।
नियमित कार्रवाई जारी
हाईकोर्ट से अंतरिम स्थगन हटने के बाद होर्डिंग्स को हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इस काम में काफी समय लगता है, ऐसे में नियमित कामों को छोड़कर इसी काम पर जुट नहीं सकते हैं। अतिक्रमण विभाग से दल के मुहैया होते ही कार्रवाई की जा रही है। सख्ती से वसूली में कोई कोताही नहीं कर रहे हैं।
-मिलिंद मेश्राम, सहायक आयुक्त, कर विभाग, महानगर पालिका, नागपुर
विशेषज्ञ टीम नहीं है
होर्डिंग्स के लोहे को काटने के लिए विशेषज्ञ टीम, कटर मशीन, जेसीबी, सीढ़ी समेत अन्य सामग्री नहीं है। बावजूद इसके कर विभाग की मांग पर 7 मजदूर और 5 पुलिस कर्मचारियों की एक टीम मुहैया कराई जा रही है। जोन स्तर पर 10 टीम दी गई है। ऐसे में लापरवाही के आरोप नहीं लगाए जा सकते हैं।
-अशोक पाटील, सहायक आयुक्त, अतिक्रमण विभाग महानगर पालिका, नागपुर
Created On :   27 Nov 2022 3:09 PM IST