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शहर में भी जाते हैं खुले में शौच, आंकड़ों की बाजीगरी, ODF घोषित करने का दावा
डिजिटल डेस्क शहडोल । नगरपालिका शहडोल द्वारा शहर को खुले में शौच से मुक्त करने का दावा खोखला साबित हो रहा है। शहर को ओडीएफ घोषित कराने के लिए पूरी तरह आंकड़ों की बाजीगरी की गई है, यह इसी से साबित होता है कि अभी लोग खुले में शौच के लिए जाते हैं। जबकि ओडीएफ होने का मतलब हर घर में शौचालय निर्माण होने के बाद उनका उपयोग होना चाहिए। लेकिन मैदानी स्तर पर सच्चाई बिलकुल उलट है। शहर के अनेक वार्डों के सैकड़ों लोग खुले में शौच के लिए मजबूर हैं। आदिवासी, हरिजन व पिछड़े वार्डों की 32 प्रतिशत से अधिक आबादी में शौचालय नहीं बने हैं। यही नहीं अनेक वार्डों मेें अभी कच्चे शौचालयों का उपयोग लोग कर हैं। मौजूदा नपाध्यक्ष के वार्ड में ही आधा दर्जन कच्चे शौचालय बने हुए हैं। जबकि स्वच्छता मिशन के तहत एक भी कच्चे शौचालय नहीं होने चाहिए।
गौरतलब है कि सर्वे के बाद नपा क्षेत्र को 5 अगस्त 2017 को ओडीएफ घोषित किया गया था। सर्वे में मिले लक्ष्य के अनुपात में शौचालय निर्माण पूर्ण कर लेने का दावा किया गया था। ओडीएफ होने की अवधि 6 माह की समय सीमा 5 जनवरी 2018 को समाप्त हो चुकी है। जबकि इसके पूर्व ही सैकड़ों घरों में शौचालय निर्माण नहीं कराए गए थे। हितग्राहियों के आवेदन कार्यालय में लंबित पड़े हुए हैं।
7 सौ आवेदन लंबित
1.20 लाख की आबादी वाले नपा को ओडीएफ बनाने के लिए सर्वे के अनुसार 1903 शौचालय निर्माण का लक्ष्य रखा गया था। अगस्त के पूर्व तक 1775 निर्माण पूर्ण कराया गया। इसमें से करीब 100 आवेदकों के यहां निर्माण नहीं हुए। जांच के नाम पर इन्हें लंबित रखा गया है। वहीं स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण के लिए नगर के विभिन्न वार्डों के 700 से अधिक लोगों ने आवेदन किया है, जिन्हें मंजूरी नहीं मिल रही है। हितग्राही नपा कार्यालय के चक्कर लगा लगाकर परेशान हैं, लेकिन बजट के अभाव की बात बताकर लौटा दिया जाता है।
इन वार्डों में ज्यादा दिक्कत
पात्र होने के बावजूद शौचालय के लिए तरसते लोगों में सबसे ज्यादा वार्ड नंबर 1 के लोग हैं। जबकि वार्ड में सबसे ज्यादा आदिवासी निवासरत हैं। स्थानीय निवासी कमला कोल, महेश कोल, धनीराम, अंतू, नरेश, नत्थू बैगा, गोविंदा बैगा, लालू, पप्पू, बालकरण आदि के घरों में शौचालय नहीं है। वार्ड पार्षद लल्ला कोल ने बताया कि लगभग 350 लोगों के आवेदन नपा में लंबित हैं। इसी प्रकार वार्ड नंबर 38 (पुराना 29) जफर वार्ड के पीपलटोला में लगभग 100 घर हैं, आधे घरों में शौचालय नहीं है। पुस्तैनी निवासी नत्थूलाल महोबिया, प्रेमलाल चौधरी, गुड्डी चौधरी ने बताया कि बीपीएल में नाम है। सात महीने पहले आवेदन जमा किया लेकिन शौचालय नहीं बना। पार्षद इसहाक खान ने बताया कि आवेदनों पर नपा में कोई ध्यान नहीं दे रहा है। वहीं वार्ड नंबर 39 (पुराना 30) में भागरथी यादव, रक्कूलाल काछी, तीरथ सिंह के आवेदनों पर सुनवाई नहीं हो रही है। पार्षद राजकुमारी यादव ने बताया कि वार्ड में शौचालयविहीन करीब 65 हितग्राहियों के आवेदन नपा में लंबित हैं। इनके अलावा वार्ड नंबर 3, 4 व घैराला मोहल्ला के दोनों वार्डों में भी यही स्थिति है।
इनका कहना है
जिस समय ओडीएफ की प्रक्रिया हुई थी उस समय के लक्ष्य को लगभग पूरा कराया गया था। आवेदन लगातार मिल रहे हैं, जिनका परीक्षण कराकर मंजूरी की प्रकिया कराई जाएगी।
श्रीमती उर्मिला कटारे, नपाध्यक्ष शहडोल
Created On :   7 April 2018 1:55 PM IST