पैसों के विवाद में बेटे ने मां का उतारा मौत के घाट, बोला- कोई अफसोस नहीं

In the dispute of money son had murdered mother
पैसों के विवाद में बेटे ने मां का उतारा मौत के घाट, बोला- कोई अफसोस नहीं
पैसों के विवाद में बेटे ने मां का उतारा मौत के घाट, बोला- कोई अफसोस नहीं

डिजिटल डेस्क जबलपुर ।अधारताल के न्यू रामनगर में मां की हत्या करने वाले बेटे गौरव ने पुलिस के सामने चौंकाने वाला बयान दिया है। गौरव ने पुलिस बयान में कहा कि उसे मां की हत्या का कोई अफसोस नहीं है। मां ने उसे प्रताडि़त कर रखा था। यदि मैं हत्या नहीं करता तो क्या करता। अब यह समाज को तय करना है कि मैंने सही किया या गलत। वहीं दूसरी तरफ मृतक मीना गुप्ता की बेटी  जबलपुर नहीं पहुंच पाई। इसकी वजह से मीना गुप्ता का अंतिम संस्कार नहीं हो पाया। पुलिस ने गौरव के खिलाफ धारा 302 के तहत प्रकरण दर्ज कर उसे न्यायालय के समक्ष पेश किया। न्यायालय ने उसे जेल भेज दिया। गौरव ने पुलिस बयान में बताया कि उसकी मां को पिता की पेंशन मिलती थी। बहन भी पैसे भेजा करती थी। इसके बाद भी मां ने उसे पाई-पाई के लिए मोहताज कर रखा था। उसकी चप्पल टूट गई थी, लेकिन मां उसे चप्पल खरीदने के लिए 100 रुपए नहीं दे रही थी। उसे जेबखर्च के लिए भी पैसे नहीं देती थी। पैसे मांगने पर उसे जमकर खरी-खोटी सुनाती थी। मां उसकी किसी भी बात का सही तरीके से जवाब नहीं देती थी। उसने पुलिस को बताया कि दो दिन पहले उसकी मां बाजार से केले खरीदकर लाई। उसने पूछा कि केले किस रेट पर मिले। उसकी मां ने कहा कि ठेले वाला 40 रुपए दर्जन बता रहा था। उसने फिर पूछा कि किस रेट पर दिए। मां ने फिर कहा कि दूसरों को तो उसने 50 रुपए दर्जन तक केले दिए थे। बार-बार पूछने के बाद भी मां ने उसे केले का रेट नहीं बताया। उसने कहा कि वह मां की प्रताडऩा से तंग आ चुका था। वह हत्या नहीं करता तो क्या करता। अब समाज को तय करना है कि उसने गलत किया या सही।
तीन कुकरों से किया था हमला- आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसने तीन अलग-अलग कुकरों से मां पर हमला किया था। आरोपी मां के सिर और चेहरे तब तक वार करता रहा, जब तकि की मां की मौत नहीं हो गई।
विक्षिप्त नहीं है आरोपी बेटा -थाना प्रभारी विपिन ताम्रकार का कहना है कि गौरव विक्षिप्त नहीं है। पूछताछ में उसने पुलिस को हर बात का सही तरीके से जवाब दिया। वह अंग्रेजी भाषा का अच्छा जानकार है। उसने बताया कि उसके पिता का वर्ष 2004 में देहांत हो गया था। कुछ दिन में उसे पिता की जगह पर आयुध निर्माणी खमरिया में अनुकम्पा नियुक्ति मिलने वाली थी।
इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़ चुका था गौरव -गौरव गुप्ता ने वर्ष 2012 में प्रीमियम इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में बीई में एडमीशन लिया था। दो साल के बाद उसने पढ़ाई छोड़ दी। उसने स्कूल की पढ़ाई अंग्रेजी माध्यम से की थी। गौरव ने अनेक प्रतियोगी परीक्षाओं में भी हिस्सा लिया था।
नहीं हो पाया पोस्टमार्टम -गौरव की बहन श्रद्धा इंदौर में प्रायवेट कंपनी में काम करती है। उसे जब अपनी मां की हत्या की सूचना मिली, उस समय वह मुंबई में थी। वह गुरुवार दोपहर मुंबई से इंदौर पहुंची। देर रात तक उसके जबलपुर पहुंचने की संभावना थी।

 

Created On :   29 Sep 2017 7:06 AM GMT

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