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नकली रेमडेसिविर मामले में - एक माह बाद भी हाथ नहीं लगा आरोपी मोखा का मोबाइल
जाँच टीम पर ही खड़े हो रहे सवाल, सिटी अस्पताल के आईसीयू में दोबारा हुई छानबीन
डिजिटल डेस्क जबलपुर । नकली रेमडेसिविर मामले में आरोपी बनाए गये सरबजीत सिंह मोखा के मोबाइल का पता लगाने के लिए एसआईटी टीम ने सिटी अस्पताल के आईसीयू वार्ड की दोबारा तलाशी ली। इस दौरान कुछ महत्वपूर्ण जानकारी हासिल हुई है। हालाँकि मोखा का मोबाइल फोन आज तक पुलिस के हाथ नहीं लग पाया है। एक माह बाद भी एसआईटी के हाथ खाली ही हैं। लोग अब जाँच की शैली पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार मोखा के मोबाइल का पता लगाने के लिए एसआईटी द्वारा गिरफ्तारी के पहले सिटी अस्पताल के जिस आईसीयू वार्ड में मोखा को भर्ती किया गया था उसकी जाँच की गई और उस दौरान ड्यूटी पर मौजूद कर्मचारियों से पूछताछ की। पूछताछ में कर्मचारियों द्वारा बताया गया कि अस्पताल में डायरेक्टर होने के बावजूद मोखा का कोई कैबिन नहीं था, बल्कि उसकी पत्नी जसमीत व बेटे हरकरण के नाम के कैबिन बने हुए थे। इनमें या फिर मैनेजर सोनिया के कैबिन में बैठकर मोखा अस्पताल के कामकाज को देखता था। वहीं उसने अपने सिस्टम की आईडी का पासवर्ड मोखा नाम से बनाया था जिसे एसआईटी ने खोलकर सिस्टम को खंगाला है जिसमें नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन संबंधी अहम जानकारी मिलना बताया जा रहा है।
देवेश को गुजरात लेकर जाएगी पुलिस
इस मामले में पुलिस को दवा सप्लायर सपन जैन, रीवा निवासी सुनील मिश्रा व कौशल वोरा आदि से पूछताछ करना है। इन आरोपियों को प्रोडक्शन वारंट पर जबलपुर लाने के लिए शनिवार को एक टीम गुजरात भेजी जाएगी। इस टीम के साथ सिटी अस्पताल के दवा इंचार्ज देवेश चौरसिया को भी गुजरात भेजा जाएगा।
आधा सैकड़ा शिकायतें मिलीं
जानकारों के अनुसार नकली रेमडेसिविर मामले की जाँच में जुटी एसआईटी को जबलपुर व आसपास के जिलोंं से अस्पताल में भर्ती हुए मरीजों के संबंध में करीब आधा सैकड़ा शिकायतें में मिली हैं। इन शिकायतों में अधिकांश नकली इंजेक्शन लगाए जाने की हैं, वही कुछ शिकायतों में अनाप-शनाप बिल वसूली किए जाने के आरोप लगाए गये हैं। एसआईटी द्वारा इन शिकायतों की बारीकी से जाँच की जा रही है।
Created On :   11 Jun 2021 2:16 PM IST