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फाइलेरिया का असर : जिले में बढ़ रहे बीमारी से पीड़ित मरीज
डिजिटल डेस्क कटनी। प्रदेश के अन्य जिलों के मुकाबले कटनी जिले में फाइलेरिया बीमारी को लेकर स्थिति धीरे-धीरे गंभीर हो चली है। पिछले दो वर्षों से लगातार जिले में राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम को तगड़ा झटका लग रहा है। गत वर्ष जिले में फाइलेरिया के जहां 66 नए संक्रमित रोगी पाए गए थे वहीं इस वर्ष यह संख्या डेढ़ गुनी से भी अधिक हो गई है।
कुल 4091 के लिए ब्लड सेम्पल
फाइलेरिया उन्मूलन के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों के बावजूद फाइलेरिया के नए मरीज सामने आने पर प्रदेश शासन द्वारा कटनी जिले सहित प्रदेश के 11 जिलों में नाइट ब्लड सर्वे कराया गया था। अक्टूबर माह में यह सर्वे पूरा हुआ। जिले में इस सर्वे के दौरान 4 सेंटीनल तथा 4 रेण्डम साइट सहित सभी विकासखंडों की कुल 8 साइट्स से 4091 लोगों के ब्लड सेम्पिल रात में लिए गए। जिनकी जांच विकासखंडवार कराई गई। यह जांच 2 दिसंबर को पूरी हुई। जांच में सभी 8 साइट्स में कुल 107 लोगों में माइक्रो फाइलेरिया पाया गया।
गत वर्ष चरगवां में मिले थे फाइलेरिया के 60 नए मरीज
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2016 में माइक्रो फाइलेरिया सर्वे दौरान जिले की बहोरीबंद सीएचसी के अंतर्गत ग्राम चरगवां के भटवा टोला क्षेत्र में 60 लोगों में माइक्रो फाइलेरिया मिला था। जबकि संपूर्ण जिले में इन 60 मरीजों सहित कुल 66 माइक्रो फाइलेरिया पॉजिटिव लोग मिले थे। जिसके बाद यहां पर वृहद स्तर पर अभियान चलाकर डीईसी दवा का सेवन कराया गया जिससे वर्तमान में यहां एक भी फाइलेरिया के मरीज नहीं हैं। लेकिन हैरत की बात यह है कि समूचे जिले में सिर्फ बहोरीबंद सीएचसी ही एक मात्र ऐसा क्षेत्र है जहां फाइलेरिया के नए मरीज मिल रहे हैं। इस वर्ष बहोरीबंद सीएचसी अंतर्गत तेवरी तथा बहोरीबंद ग्राम को मिलाकर कुल 55 नए मरीज सामने आए हैं।
बड़वारा को छोड़ सभी ब्लॉक में संक्रमण
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी अनुसार स्वास्थ्य विभाग के संचालनालय द्वारा जिले की चार तय सेंटीनल साइट देवरी हटाई कन्हवारा, विजयराघवगढ़, तेवरी बहोरीबंद तथा वंशस्वरूप वार्ड कटनी शहरी क्षेत्र में कुल 2077 स्लाइड बनाई गई। इनमें देवरी हटाई मेें 6, विजयराघवगढ़ में 20, तेवरी में 34 तथा वंशस्वरूप वार्ड मेें 4 स्लाइड माइक्रो फाइलेरिया पॉजिटीव मिली। वहीं जिला मलेरिया विभाग द्वारा चार रेण्डम साइट्स तय कर कुल 2014 स्लाइट्स बनाई गई। इनमें बिलहरी रीठी में 15, बरही में 7, बहोरीबंद में 21 स्लाइट्स माइक्रो फाइलेरिया पॉजिटिव मिली। जबकि लखाखेरा बड़वारा में में 505 स्लाइट्स में से एक भी माइक्रो फाइलेरिया पॉजिटिव नहीं मिली।
संक्रमित मच्छर के 500 बार से अधिक काटने पर होता है फाइलेरिया
जिला मलेरिया अधिकारी शालिनी नामदेव ने बताया कि फाइलेरिया की बीमारी संक्रमित क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होती है। एक स्वस्थ मनुष्य को जब संक्रमित क्यूलेक्स मच्छर 500 से अधिक बार काटता तब व्यक्ति के शरीरी में फाइलेरिया के विषाणु पनपने लगते हैं जो धीरे-धीरे बढ़कर मरीज को पूरी तरह फाइलेरिया ग्रसित बना देते हैं। नाइट ब्लड सर्वे मेें ऐसे ही अविकसित फाइलेरिया विषाणुओं का पता लगाकर मरीजों का उपचार कर उन्हें फाइलेरिया मुक्त कराया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि जिन परिवारों में माइक्रो फाइलेरिया अथवा फाइलेरिया के मरीज हैं उन परिवारों के अन्य सदस्य जिला मलेरिया शाखा में संपर्क कर अपना नाइट ब्लड टेस्ट कराकर इस बीमारी से बच सकते हैं।
Created On :   6 Dec 2017 4:34 PM IST