वर्किंग डे 1 घंटे बढ़ने से नहीं बदले सरकारी दफ्तरों के हालात

Increase in working day for 1 hour did not change the situation of government offices
वर्किंग डे 1 घंटे बढ़ने से नहीं बदले सरकारी दफ्तरों के हालात
वर्किंग डे 1 घंटे बढ़ने से नहीं बदले सरकारी दफ्तरों के हालात

डिजिटल डेस्क, नागपुर । ऑफिस देर से पहुंचना और फिर आसन पर विराजमान होने में ही काफी वक्त गंवाना, सहकर्मियों के साथ बातों में इस कदर मशगूल होना, जैसे वर्षों बाद मिले हों। बीच-बीच में फ्रेश होने की ऐसी लत, जो छुड़ाए नहीं छूटती। काम से मन तो बार-बार उबने जैसा लगता है, फिर भी ‘हिम्मत’ कर बैठे रहते हैं, लेकिन घर जाने की ऐसी जल्दी कि तैयारी आधा घंटा पहले से ही हो जाती है। इस मानसिकता के बीच 5 दिन का सप्ताह होने पर यह कितना सफल होगा आप सोच सकते है।

यह रोज का हाल 
पहुंचने का समय सुबह 9.45 बजे, कर्मचारी आते रहे 10.15 बजे तक 
फिलहाल जिला मुख्यालय में ड्यूटी पर पहुंचने का समय सुबह 9.45 है, लेकिन कर्मचारी 10.15 बजे के बाद तक पहुंचते रहे। किसी के चेहरे पर कोई शिकन नहीं। सेक्शन प्रमुख भी देरी से ही पहुंचे। 

साइड इफेक्ट : काम के सिलसिले में आए लोग करते रहे इंतजार। अंदेशा भी बना रहा कि साहब, आएंगे या नहीं।

बैडमिंटन खेलने की कोई व्यवस्था नहीं है
जो कर्मचारी देरी से आते हैं, वे देर तक काम करते हैं। तय समय से ज्यादा समय तक लंच किया तो शाम को ज्यादा समय तक काम करते हैं। हमारे यहां बैडमिंटन खेलने की कोई व्यवस्था नहीं है। कर्मचारी कहां बैडमिंटन खेलेंगे।
-रवींद्र खजांजी, निवासी उपजिलाधीश, नागपुर. 

50 मिनट बाद तक चला लंच
जिला मुख्यालय में दोपहर 1.30 से 2 बजे तक (30 मिनट) लंच अवर होता है, लेकिन लंच 50 मिनट के बाद भी चलता रहा। कर्मचारियों के साथ ही सेक्शन प्रमुख भी तय समय से ज्यादा समय तक लंच लेते हैं। अधिकांश कर्मचारियों का दिन का भोजन तो 30 मिनट में हो गया, लेकिन साथियों के साथ चर्चा व गपशप में 20 मिनट का अतिरिक्त समय कब निकल गया, किसी का ध्यान नहीं रहा। 

साइड इफेक्ट : काम के सिलसिले में पहुंचे लोग इस दौरान इंतजार करते रहे।

Created On :   14 Feb 2020 12:27 PM IST

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