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किसानों की बढ़ी चिंता, सरकार से की मुआवजे की मांग
डिजिटल डेस्क, नांदगांव खंडेश्वर। प्राकृतिक आपदा के कारण फसलों का भारी नुकसान होने से किसानों के मुंह तक आया निवाला छिन गया है। इस कारण किसानों की चिंता और भी बढ़ गई है। विगत अनेक दिनों से शुरू बारिश से फसलों का भारी नुकसान हुआ। इसलिए सरकार ने नुकसानग्रस्त किसानों को मुआवजा देने की मांग किसान कर रहे हैं। 16 अक्टूबर को दोपहर के बाद अचानक बारिश होने से सोयाबीन फसल और खेतों में काट कर रखी सोयाबीन भीग गई। इससे किसानों का बहुत नुकसान हुआ। वहीं कपास का भी भारी नुकसान हुआ है। सरकार को किसानों की फसल के नुकसान का पंचनामा करते हुए उन्हें मुआवजा देने की जरूरत है। तहसील में सभी ओर जोरदार बारिश हो रही है। विगत 8 दिन से बारिश बंद थी। इस कारण किसानों ने बची सोयाबीन की कटाई का कार्य शुरू किया और खेत में सोयाबीन के ढेर लगाकर रखे। लेकिन बारिश आने से कपास और सोयाबीन खराब हो गए। अपनी अांखों के सामने फसल बर्बाद होता देख किसान हताश हो गए। बाजार में सोयाबीन को पहले 11 से 12 हजार रुपए मूल्य मिल रहा था। लेकिन अब केवल 4 से 5 हजार रुपए मिलने से किसान चिंतित हैं। 16 अक्टूबर से अचानक शुरू बारिश ने किसानों को और भी संकट में ला दिया है। एक के बाद एक संकटों का सामना किसानों को करना पड़ रहा है। इसलिए सरकार से नुकसानग्रस्त किसानों को मुआवजा देने की मांग जोर पकड़ रही है
उम्मीदों पर फिरा पानी
विजय दुधमोचन, किसान, धामक के मुताबिक पिछले तीन-चार वर्ष से संकटों का सामना करना पड़ रहा है। इस वर्ष उम्मीद थी कि दिवाली अच्छे से मनाएंगे, परंतु पोला त्यौहार से बारिश की शुरुआत हुई। अतिवृष्टि के कारण खेतों में पानी भर गया और फसल बर्बाद हो गई। उम्मीद थी कि बची फसल घर में आएगी। लेकिन काटी गई सोयाबीन अचानक हुई बारिश में भीग गई। प्राकृतिक आपदा के कारण उम्मीदों पर पानी फिर गया है। फसल नुकसान का निरीक्षण करते हुए सरकार को तत्काल मदद करने की जरूरत है।
प्रकृति का कहर
आशीष भाकरे, किसान, येवती के मुताबिक खेतों में कटाई का काम शुरू था। इस दौरान अचानक 16 अक्टूबर को हुई बारिश के कारण काट कर रखे सोयाबीन के ढेर भीग गए। प्रकृति ने हमसे मुंह तक आया निवाला छीन लिया है।
Created On :   19 Oct 2021 5:35 PM IST