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खिलौना उत्पादन में अब चीन को टक्कर दे रहा है भारत, आयात में 67 प्रतिशत की आई कमी
डिजिटल डेस्क, अजीत कुमार, नई दिल्ली. मोदी सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान का देश के खिलौना उद्योग पर भी सकारात्मक असर दिखने लगा है। पहले भारत जहां खिलौनों के लिए काफी हद तक चीन पर निर्भर था, तो आज खिलौना उत्पादन में चीन को कड़ी टक्कर देता दिख रहा है। देश न केवल अपनी जरूरत के हिसाब से खिलौने का उत्पादन कर रहा है, बल्कि दूसरे देशों को भी बड़े पैमाने पर इसकी आपूर्ति कर रहा है।
2021-22 में 326 मिलियन डॉलर का हुआ निर्यात
केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने बताया कि सरकार ने घटिया और असुरक्षित खिलौनों के आयात पर प्रतिबंध लगाने और घरेलू खिलौना उद्योग को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया है। सरकार की इसी कोशिश का नतीजा है कि भारतीय बाजार में खिलौनों के आयात की मात्रा में लगातार कमी आ रही है। भारत में खिलौनों का आयात वर्ष 2014-15 में 332.55 मिलियन अमेरिकी डॉलर से 67 प्रतिशत कम होकर वर्ष 2021-22 में 109.72 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है। साथ ही भारत से खिलौनों का निर्यात वर्ष 2014-15 में 96.17 मिलियन अमेरिकी डॉलर से लगभग 240 प्रतिशत बढ़कर वर्ष 2021-22 में 326.63 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है।
खिलौनों का बीआईएस से प्रमाणीकरण अनिवार्य
वर्मा ने बताया कि स्वदेशी खिलौनों के संवर्धन के लिए सरकार ने फरवरी 2020 में खिलौनों पर आधारभूत सीमा शुल्क को 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत कर दिया है। उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग ने खिलौनों के लिए एक गुणवत्ता नियंत्रण आदेश जारी किया है, जिसके माध्यम से खिलौनों को भारतीय मानक ब्यूरो से अनिवार्य प्रमाणीकरण के अधीन लाया गया है। उन्होंने बताया कि भारतीय मानक ब्यूरो ने बीआईएस मानक चिन्ह के साथ खिलौनों के विनिर्माण के लिए घरेलू विनिर्माताओं को 1,001 लाइसेंस और विदेशी निर्माताओं का 28 लाइसेंस प्रदान किए हैं।
मोदी ने की थी खिलौना इंडस्ट्री की रिब्रांडिंग की अपील
टॉय एसोसिएशन ऑफ इंडिया से जुड़े शरद कपूर बताते हैं कि देश में खिलौना उद्योग को रफ्तार देने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विशेष भूमिका रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने वर्ष 2020 में भारतीय खिलौना इंडस्ट्री की रिब्रांडिंग का आह्वान किया था, जिसका नतीजा सामने है। पहले चीन के 85 प्रतिशत तक खिलौने देश में दिखते थे, अब हमारी जरूरत के अधिकांश खिलौने देश में ही बन रहे हैं। यहां तक कि अब हम दूसरे देशों को भी खिलौने भेज रहे हैं।
Created On :   23 Dec 2022 9:25 PM IST