पेडों की कटाई पर वन समिति ने बताया कर्मचारियों को जिम्मेदार

Indiscriminate felling of trees, forest committee told employees responsible
पेडों की कटाई पर वन समिति ने बताया कर्मचारियों को जिम्मेदार
पन्ना पेडों की कटाई पर वन समिति ने बताया कर्मचारियों को जिम्मेदार

डिजिटल डेस्क पन्ना। दक्षिण वन मंडल पन्ना के परिक्षेत्र रैपुरा रेंज के बगरौड़ में पेडों और कुछ वर्ष पहले लगाए गए पौधों की कटाई की जा रही है। कक्ष क्रमांक 1131 में करीब सात साल पहले प्लांटेशन किया गया था जिसमें सागौन, आंवला आदि सहित 25,000 से अधिक पौधे लगाए गए थे। इन पौधों पर शासन ने कई लाख रुपए का व्यय किया और सही देखरेख में पौधे वृक्ष का रूप लेने लगे थे परंतु वर्तमान में वन अधिकारी व कर्मचारियों की अनदेखी और लापरवाही के चलते इन पौधों की एक तरफ  से निर्ममता पूर्वक अंधाधुंध कटाई की जा रही है और न केवल छोटे पौधे बल्कि बड़े-बड़े वृक्ष भी काटे जा रहे हैं। जिसमें सागौन, आंवला, अमलतास, सेजा आदि विभिन्न प्रकार के पौधे हैं। इन पौधों की कटाई को देखकर लग रहा है कि यदि अतिशीघ्र इस पर उचित कदम ना उठाया गया तो देखते ही देखते कुछ ही दिनों में पूरा जंगल साफ  हो जाएगा। कुछ वीडियोस जो सामने आ रहे हैं उसमे में ऐसा दिखाई दे रहा है कि इनमें से कुछ लकड़ी वन विभाग द्वारा बनाई जा गौशाला में भी उपयोग की जा रही है जिससे चहली आदि का काम लिया जा रहा है। वैसे भी पिछले कुछ वर्षों में वन परिक्षेत्र में आगजनी की घटनाएं हो चुकी हैं जिसमें लाखों पौधे जलकर नष्ट हो गए थे। इसके बाद भी लापरवाही देखने को मिल रही है। इस संबंध में जब संबंधित वन समिति अध्यक्ष फूलाबाई आदिवासी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यहां का वन अमला न तो यहां निवासरत है और न ही रेंज में लगे पेडों का उनके द्वारा ध्यान रखा जाता है। इसी तरह के आरोप चमरहीया वन समिति अध्यक्ष बलदेव सिंह  ने भी लगाए हैं। समिति अध्यक्ष फूला बाई ने बताया कि ना तो कभी समिति की बैठक बुलाई जाती है और ना ही किसी कार्य या योजना के बारे में सलाह मशवरा किया जाता है केवल उनसे कागजों पर थोक में हस्ताक्षर ले लिए जाते हैं। यह मामला वन परिक्षेत्र अधिकारी लोकेश कुमार के संज्ञान में लाया जा चुका है और उन्होंने शीघ्र ही इस पर कार्यवाही का आश्वासन भी दिया है अब देखना यह है कि कब और कितनी कार्यवाही की जाती है या फिर औपचारिकता की रस्म अदायगी कर मामला रफा-दफा कर दिया जाता है और वनों को यूं ही कट ने दिया जाता है।
इनका कहना है
""अभी तक मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं थी आपके द्वारा यह मामला मेरे संज्ञान में लाया गया है और यह बेहद चिंताजनक है। मैं स्वयं जाकर दो-तीन दिनों के अंदर इसकी जांच करूंगा और जो भी उचित होगा वह आगे कार्यवाही करूंगा।"" 
लोकेश कुमार 
वन परिक्षेत्र अधिकारी रैपुरा

Created On :   14 Jan 2022 11:46 AM IST

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