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भारत-पाक को मछुआरों के लिए जरूरी नीतियां बनाने की जरूरत
डिजिटल डेस्क, नागपुर। भारत-पाकिस्तान मसलों के जानकार वरिष्ठ पत्रकार जतीन देसाई ने कहा कि दोनों देशों को अरब सागर में मछलियां पकड़ने वाले मछुआरों के लिए हितकर नीतियां बनाने की जरूरत होने का विचार मंगलवार को दैनिक भास्कर में अनौपचारिक चर्चा के दौरान व्यक्त किया। दरअसल भारत-पाक के बीच पड़ने वाले अरब सागर में दोनों देशों के मछुआरे मछली पकड़ते हैं। कई बार वे अपने-अपने देशों की सीमा लांघ जाते हैं। इसी कारण उन्हें दूसरे देश की सुरक्षा एजेंसियों द्वारा पकड़ लिया जाता है। दोषी पाए जाने पर ढ़ाई वर्ष की जेल और अन्य कई पेचिंदा परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में दोनों देशों को मछुआरों के लिए निर्धारित नीतियों को सुधारने की जरूरत है। उन्होनें दोनों देशों के बीच वर्ष 2008 में हुए समझौते का बेहतर ढंग से पालन पर जोर दिया। देसाई के अनुसार सीमा पार करने वाले मछुआरों को पकड़ने के जगह उनकी वही पर जरूरी पड़ताल करके अपने देश लौटा देना चाहिए।
दूसरी मुख्य बात कि जो मछुआरे पकड़े जाते हैं, उनके देश के उच्चायोग को तीन माह के भीतर उनसे मुलाकात करनी पड़ती है। इसके बाद संबंधित देश का उच्चायोग उसकी नागरिकता की पड़ताल करता है। कई बार ऐसे मामले सामने आए है कि जिसमें कैदी की सजा पूरी हो जाती है, लेकिन उसकी नागरिकता तय नहीं होने से उसे जेल में ही रहना पड़ता है। नागरिकता तय करने के लिए भी एक अवधि निश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि मौजूदा वक्त में भारत की जेल में 99 पाकिस्तानी मछुआरे और 267 नागरिक बंद है। वहीं पाकिस्तान की जेलों में 227 भारतीय मछुआरे और 55 नागरिक बंद है। गुजरात के तटीय क्षेत्र में प्रदूषण के कारण मछलियां कम है। ऐसे मंे भारतीय मछुआरे अमूमन मछलियों की तलाश मंे सीमा पार कर जाते हैं।
Created On :   19 Feb 2020 4:32 PM IST