इंडस्ट्रीज के हालात बिगड़े, स्वीकृत विद्युत भार कम कराने की तैयारी

Industries deteriorate, preparations to reduce the approved electric load
इंडस्ट्रीज के हालात बिगड़े, स्वीकृत विद्युत भार कम कराने की तैयारी
इंडस्ट्रीज के हालात बिगड़े, स्वीकृत विद्युत भार कम कराने की तैयारी

औद्योगिक उत्पादन हुआ बंद, अब फिक्स चार्ज से बचने बिजली कंपनी को देंगे नोटिस

डिजिटल डेस्क जबलपुर । कोरोना संक्रमण ने हालात इतने अधिक बिगाड़ दिए हैं कि अब शहर या उसके आसपास जितने भी औद्योगिक क्षेत्र हैं उन सभी में एक बार फिर ताला लटकने की नौबत आ गई है। चाहे औद्योगिक क्षेत्र अधारताल हो या फिर रिछाई, मनेरी और उमरिया-डुंगरिया ही क्यों न हों। इन सभी जगह उत्पादन पूरी तरह से बंद हो गया है। फैक्ट्रियों में न तो लेबर आ रही हैं और न ही किसी प्रकार का काम हो पा रहा है। ऐसे में अधिकांश यूनिटें मानों बंद ही हो रही हैं। इस स्थिति में इंडस्ट्री संचालकों को सबसे ज्यादा बिजली बिल की चिंता होने लगी है, क्योंकि इंडस्ट्रीज में काम के हिसाब से सभी जगह 10 किलोवॉट से अधिक लोड स्वीकृत कराया गया है। इसमें हजारों रुपए का फिक्स चार्ज बिना बिजली उपयोग के ही लगता है।

सात दिन का नोटिस देना जरूरी
इंडस्ट्री संचालक अब फिक्स चार्ज से बचने का तरीका ढूँढ रहे। विद्युत प्रदाय अधिनियम को खँगाला जा रहा है। जानकारों का कहना है कि इंडस्ट्री में लोड कम कराने के लिए विद्युत वितरण कंपनी को सात दिवस का लिखित नोटिस/आवेदन देना जरूरी है। अब इंडस्ट्री संचालकों के सामने समस्या यह आ रही है कि लॉकडाउन के चलते सभी विद्युत कार्यालय भी बंद हैं। ऐसे में अगर लोड कम करने का नोटिस भी देना है तो वो किसे दें, यह समस्या आ रही है।
यह है नियम|

बताया जाता है कि मप्र विद्युत प्रदाय संहिता की कंडिका 11.2 आकस्मिक विशेष परिस्थितियों (फोर्स) में प्रावधान है कि उपभोक्ता का विशेष समय में जब उद्योग या शो-रूम या दुकान बंद हो, तो वह विद्युत कंपनी को इस कंडिका 11.2 में सात दिनों का नोटिस देकर अपना स्वीकृत भार या जो उसकी संविदा माँग हो, उसे न्यूनतम करा कर लगने वाले फिक्स चार्ज से बचा जा सकता है।
पिछले दौर सेा सबक
इंडस्ट्री संचालक व महाकौशल चेम्बर के रवि गुप्ता, शंकर नाग्देव, जबलपुर चेम्बर के हिमांशु खरे ने बताया कि पिछले कोरोना काल के दौरान भी इंडस्ट्रीज पूरी तरह से बंद हो गई थीं, इस दौरान बिजली बिलों का आर्थिक भार सहने की नौबत आ गई थी। शासन द्वारा कुछ माह फिक्स चार्ज स्थगित तो किया गया था, मगर फिर पूरा वसूला गया, जिससे इंडस्ट्री संचालकों के सामने बड़ा संकट पैदा हो गया था, मगर इस बार सभी एकजुट होकर बिजली कंपनी से चर्चा करेंगे और सात दिन का नोटिस भी देंगे।
 

Created On :   26 April 2021 2:12 PM IST

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