सितंबर तक उद्योग-कारखानों को नहीं लेना होगा पर्यावरण सर्टिफिकेट

Industry-factories will not have to take environment certificate till September
सितंबर तक उद्योग-कारखानों को नहीं लेना होगा पर्यावरण सर्टिफिकेट
सितंबर तक उद्योग-कारखानों को नहीं लेना होगा पर्यावरण सर्टिफिकेट

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल से एनओसी लेने वाले उद्योगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। जिस भी कारखाने के पर्यावरण सर्टिफिकेट की मियाद 30 अप्रैल को खत्म हो रही है, उनको सरकार ने राहत दी है। ऐसे कारखानों के एनओसी की मियाद 30 सितंबर तक बढ़ा दी गई है। हालांकि, इसका लाभ लेने के लिए संबंधित उद्योगों को 31 मई के पहले मंडल के कार्यालय में आवेदन करना होगा। अगर ऐसा नहीं किया जाएगा तो संबंधित उद्योगों की मियाद 30 अप्रैल को ही खत्म मानी जाएगी।

कारखानों को तीन वर्गों में बांटा

प्रदूषण मंडल द्वारा उद्योग कारखानों को तीन वर्गों में बांटा गया है। रेड, ऑरेंज और ग्रीन। रेड जोन के उद्योग कारखानों को एक से पांच साल तक की मंजूरी दी जाती है। ऑरेंज जोन के उद्योगों को 2 साल तक और ग्रीन जोन के उद्योगों को 3 साल तक की एनओसी दी जाती है। कई उद्योगों के एनओसी की मियाद 30 अप्रैल को खत्म हो रही है। लॉकडाउन की वजह से एनओसी के लिए आवेदन भी नहीं हो पा रहा है। इसी को देखते हुए महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल में एनओसी की तारीख 30 सितंबर तक बढ़ा दी है।

लॉकडाउन में भी झूठी शिकायत

सभी उद्योग और कारखाने बंद हैं। बावजूद इसके झूठी िशकायत की जा रही है। हिंगना एमआईडीसी से गंदा पानी छोड़ने की ऐसी ही एक शिकायत मिली। बताया गया कि पानी अंबाझरी तालाब को गंदा कर रहा है। प्रदूषण मंडल की प्रादेशिक अधिकारी हेमा देशपांडे ने बताया कि जब अधिकारियों ने वहां जाकर जांच की तो शिकायत झूठी निकली। देशपांडे ने बताया कि लॉकडाउन में जो उद्योग कारखाने शुरू हैं, उनपर भी नजर बनी है, ताकि नियमों की अनदेखी न हो पाए।
 

Created On :   29 April 2020 12:22 PM IST

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