प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना हितग्राहियों पर मंहगाई का कहर

Inflation wreaks havoc on Prime Ministers Rural Housing Scheme beneficiaries
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना हितग्राहियों पर मंहगाई का कहर
पन्ना प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना हितग्राहियों पर मंहगाई का कहर

डिजिटल डेस्क,पन्ना। गांव में रहने वाले ग्रामीण परिवारों के पास उनका अपना पक्का मकान है यह सुनिश्चित करने के लिये भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना वर्ष २०१६ में प्रारंभ की गई। योजना के तहत प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना से आवास निर्माण के लिये हितग्राही को कुल ०१ लाख २० हजार रूपये की राशि प्रदान की जाती है इसके साथ ही मनरेगा योजना से मजदूरी के रूप में ९० मानव दिवस की मजदूरी का भुगतान एवं शोैचालय के लिये १२००० रूपये की राशि स्वच्छ भारत अभियान मद से दी जाती है। हितग्राही को उक्त देय राशि से २४० वर्गफुट क्षेत्र में एक कमरे के साथ रसोईघर तथा शौंचालय एवं बाथरूम का निर्माण कार्य करना योजना के अंतर्गत जरूरी किया गया है। योजना को प्रारंभ हुये ०६ साल पूरे हो चुके है किन्तु सरकार द्वारा योजना के प्रारंभ के समय जो राशि प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के लिये निर्धारित की गई थी उसमें बढ़ोतरी नही की गई है। जबकि इस अवधि के दौरान आवास निर्माण कार्य के लिये जो सामग्री लगती है उसके दाम लगभग दोगुने हो चुके है मंहगाई का कहर अब प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों भरी पडऩे लगा है। सीमेन्ट की एक बोरी की कीमत बाजार में ४२० रूपये पहँुच चुकी है इसी तरह पक्के मकान के निर्माण कार्य में उपयोग किया जाने वाला लोहे का सरिया के दाम लगातार बढ़ते हुये ८० रूपये पहँुच चुका है। पक्के मकान के निर्माण कार्य में रेत की कीमतों में भारी उछाल आ चुका है रेत की एक ट्राली जिला मुख्यालय में ही ५५०० रूपये में मिल रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में इसकी कीमत और भी अधिक बढ़ गई है पक्के निर्माण के लिये जरूरी ईंट की कीमत भी ०६ साल के दौरान दुगनी पहँुचकर ४००० रूपये कीमत पर एक हजार मिल रही है। तकनीकी जानकारों का कहना है कि प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के अंतर्गत जिस आवास का निर्माण निर्धारित किया गया है उसका वर्तमान स्टीमेट ढाई लाख रूपये से अधिक का हो गया है ऐसे में कुल मिलाकर प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के अंतर्गत हितग्राहियों को आवास निर्माण के लिये ऐसी स्थिति में साहूकारों के सामने हाथ फैलाने पड़ रहे है और ऐसे में कई ग्रामीण गरीब हितग्राही कर्ज की बोझ के तले दब रहे है। 
शहरी क्षेत्रों में आवास योजना के लिये मिलते है २.५० लाख 
प्रधानमंत्री आवास योजना में ग्रामीण क्षेत्र के हितग्राहियों के साथ भेदभाव भी हो रहा है। योजना के अंतर्गत नगरीय क्षेत्रों में हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी से २.५० लाख रूपये की राशि का भुगतान नगरीय निकायों द्वारा किया जा रहा है वही ग्रामीण क्षेत्रों में हितग्राहियों को प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना से मात्र ०१ लाख २० हजार रूपये की राशि का भुगतान किया जा रहा है। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों हितग्राहियों को शहरी क्षेत्र से सीमेन्ट,सरिया तथा अन्य सामग्री क्रय करने के बाद अधिक भाड़ा चुका कर अपने गांव तक ले जाना पड़ता है। पक्का मकान बनाने की योजना पर सरकार भले ही अपनी पीठ ठोकर रही है किन्तु आवास योजना में इस तरह का भेदभाव ग्रामीण क्षेत्रों के हितग्राहियों के लिये छलावा बना हुआ है। 
वर्ष २०२०-२१ में स्वीकृत ४६७७ प्रधानमंत्री आवास अधूरेे
प्रधानमंत्री आवास योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में बीते सत्र २०२०-२१ में पन्ना जिले में कुल २१५५६ हितग्राहियों के लिये आवास निर्माण स्वीकृत किये गये थे। मंहगाई की मार की वजह से बड़ी संख्या में हितग्राही अपने आवासों का निर्माण कार्य पूर्ण नही कर पा रहे है। जानकारी के अनुसार स्वीकृत २१५५६ हितग्राहियों में से १६८७९ हितग्राहियों के आवास रिकार्ड के अनुसार पूरे हुये है जबकि ४६७७ हितग्राहियों के आवास अधूरे बंद पड़े हुये है। वही वितीय वर्ष २०२१-२२ में आवास योजना के ग्रामीण हितग्राहियों को कुल १३०१० आवास स्वीकृत किये गये थे जिसमे महज २०६ हितग्राहियों के आवास ही पूरे हो सकें है। १२८०४ हितग्राहियों के आवास पूर्ण है जिससे समझा जा सकता है कि मंहगाई के इस दौर में आवास योजना की सफलता को लेकर पीठ थपथापने वाली सरकार हितग्राहियों की परेशानी से कितनी दूर है। 
रिकार्ड में जो मकान पूरे उनमें अधिकांश की छपाई नही 
प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत वर्ष २०१६ से अब तक रिकार्ड संख्या में हितग्राहियों के आवास जिले में स्वीकृत किये गये। जिनमें बड़ी संख्या में सरकारी रिकार्ड में आवासों का निर्माण कार्य पूरा भी दिखा दिया गया है परंतु जिन हितग्राहियों के प्रधानमंत्री आवास योजना से रिकार्ड में आवास निर्माण कार्य पूरेे हो चुके है यदि उन आवासो को जाकर देखा जायें तो छपाई का कार्य सामने ही जो कि फोटो के लिये जरूरी हो जाता है देखने को मिलेगा। घर के अन्दर तथा शेष दीवालों को लेकर यह देखा जा सकता है कि सालों साल बाद भी उसकी छपाई नही होने से ईटे ही नजर आती है। ज्यादातर घरों में योजना से जो मकान बने है उनके अन्दर पक्का पर्श भी गायब मिलेगा।   
 

Created On :   19 April 2022 3:50 PM IST

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