क्यूआर कोड से मिलेगी पुराने पेड़ों की जानकारी, एप बनाने की तैयारी में प्रशासन

Information about old trees will be available from QR code
क्यूआर कोड से मिलेगी पुराने पेड़ों की जानकारी, एप बनाने की तैयारी में प्रशासन
महाराजबाग क्यूआर कोड से मिलेगी पुराने पेड़ों की जानकारी, एप बनाने की तैयारी में प्रशासन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महाराजबाग में आने वाले सैलानियों को अब वन्यजीवों के दीदार के साथ यहां के पुराने पेड़ों की जानकारी भी मिल सकेगी। प्रशासन एक ऐसा एप तैयार कर रहा है जिसे डाउनलोड करने के बाद सैलानी परिसर में पेड़ों पर लगे क्यूआर कोड को स्कैन करेगा, तो उस पेड़ के बारे में पूरी जानकारी उसके मोबाइल पर आ जाएगी। पर्यावरण प्रेमियों के लिए यह बहुत काम की जानकारी रहेगी। सैलानियों को भी पेड़ों के इतिहास के बारे में पता चल सकेगा। 

ब्रिटिशकालीन कई पेड़ हैं

महाराजबाग चिड़ियाघर न केवल शहर के लिए, बल्कि पूरे जिले के लिए आकर्षण का केन्द्र है। यहां प्रतिदिन पिंजरे में बंद वन्यजीवों को देखने के लिए सैकड़ों सैलानी आते हैं। स्कूली बच्चे भी सैर करने आते हैं। यह ‘जू’ काफी पुराना है। ऐसे में यहां पुराने पेड़ काफी है। यहां मौजूद कई पेड़ ब्रिटिशकालीन है। बुजुर्गों को इस बारे में जानकारी है, लेकिन इन पेड़ों के बारे में युवा वर्ग को कोई जानकारी नहीं है, लेकिन पेड़ों का इतिहास जानने के लिए हर कोई उत्साहित जरूर रहता है। यहां कोई गाइड या जानकार व्यक्ति नहीं रहने से सैलानियों को इस बारे में कोई मिल पाती है। ऐसे में अब प्रशासन एक नया एप बनाने की तैयारी कर रहा है। 

एप डाउनलोड करना होगा

इस एप को एक नाम दिया जाएगा। जिसे सैलानी डाउनलोड कर सकते हैं। पश्चात पेड़ पर लगे क्यूआर कोड को स्कैन करते ही उसके मोबाइल पर पेड़ का पूरा इतिहास सामने आ जाएगा। वर्तमान में गोरेवाड़ा जंगल सफारी परिसर में यह सुविधा है। इसी तर्ज पर महाराजबाग प्रशासन  तैयारी कर रहा है, लेकिन अभी तक एप नहीं बनाया गया है। 

Created On :   7 Nov 2021 6:02 PM IST

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