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सूचना आयोग की GAD को फटकार, RTI एक्ट का पालन करने की हिदायत
डिजिटल डेस्क, भोपाल। एमपी राज्य सूचना आयोग ने सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) में सूचना के अधिकार का समुचित क्रियान्वयन न होने पर गहरी नाराजगी जताते हुए विभाग के प्रमुख सचिव को व्यवस्था में सुधार के लिए शीघ्र आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
राज्य सूचना आयुक्त आत्मदीप ने दीपक तिवारी की अपील पर फैसला सुनाते हुए कहा है कि GAD के लोक सूचना अधिकारी व अपीलीय अधिकारी सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत निर्धारित पदेन दायित्व का निर्वहन करने और अधिनियम के अनिवार्य प्रावधानों का पालन करने में पूर्णत: विफल रहे हैं। यह दिया तले अंधेरा जैसी स्थिति है जो GAD के लिए शोभनीय नहीं है। सूचना के मौलिक अधिकार के प्रति बेपरवाही का यह आलम, इसलिए अधिक गंभीर व चिंताजनक है, क्योंकि एमपी शासन द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन के लिए GAD को नोडल विभाग बनाया गया है।
फैसले में कहा गया है कि GAD ने ही सभी संबंधित अधिकारियों-कर्मचारियों व नागरिकों के लिए केन्द्र व राज्य शासन द्वारा जारी परिपत्रों और दिशा-निर्देशों सहित RTI एक्ट की मार्गदर्शिका जारी की है। इसलिए सबसे पहले जारी कर्ता विभाग को ही यह सुनिष्चित करना चाहिए कि उसके लोक सूचना अधिकारी व अपीलीय अधिकारी उसके द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन करें।
नोडल विभाग को न केवल RTI एक्ट के प्रावधानों को भावनात्मक रूप से ग्रहण करना चाहिए, अपितु यह भी ध्यान रखना चाहिए कि RTI एक्ट के तहत जहां नागरिक की स्थिति संविधिक व्यक्ति की है। लोक सूचना अधिकारी व अपीलीय अधिकारी अर्धन्यायिक प्राधिकारी की हैसियत में हैं। इसलिए लोक सूचना अधिकारी व अपीलीय अधिकारी को चाहिए कि वे RTI संबंधी कार्यवाही को रूटीन ड्यूटी के रूप में न लें, बल्कि अर्धन्यायिक कार्यवाही के सही रूप में लेते हुए निर्धारित पदेन दायित्व का समुचित निर्वहन करें।
आयोग ने GAD के लोक सूचना अधिकारी व अपीलीय अधिकारी को चेतावनी दी है कि RTI व प्रथम अपील का नियत अवधि में निराकरण न करने की वैधानिक त्रुटि आइंदा हरगिज न करें। अन्यथा उनके विरूध्द धारा 19 व 20 के तहत दंडात्मक प्रावधान आकर्षित होंगे।
यह है मामला
अपीलार्थी ने विदिशा कलेक्टर अनिल सुचारी से संबंधित सूचना के लिए GAD में RTI लगाई और सूचना न मिलने पर प्रथम अपील पेश की । लेकिन GAD के लोक सूचना अधिकारी ने RTI पर और अपीलीय अधिकारी ने अपील पर न सिर्फ निर्धारित समय सीमा में कोई कार्यवाही नहीं की, बल्कि साल भर बाद भी अपीलार्थी को कोई इत्तला देने की जरूरत नहीं समझी । आयोग में द्वितीय अपील होने पर लोक सूचना अधिकारी ने विदिषा कलेक्टर का पक्ष जाने बिना सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के हवाले वांछित सूचना देने में असमर्थतता व्यक्त कर दी ।
Created On :   24 Nov 2017 9:13 PM IST