खेल-खेल में चली गई मासूम की जान, चुनरी के फंदे पर झूला 7 साल का बालक

Innocents life lost in sports, 7 year old boy swinging on chunaris noose
खेल-खेल में चली गई मासूम की जान, चुनरी के फंदे पर झूला 7 साल का बालक
हनुमानताल क्षेत्र की घटना खेल-खेल में चली गई मासूम की जान, चुनरी के फंदे पर झूला 7 साल का बालक


डिजिटल डेस्क जबलपुर। हनुमानताल थाना क्षेत्र स्थित बाबा टोला जानकीदास मंदिर के पास रहने वाला 7 वर्षीय बालक चुनरी से झूला बना रहा था। इसी दौरान चुनरी का फंदा उसके गले में लग गया। परिजनों ने उसे फंदे पर लटका देख तत्काल नीचे उतरा और विक्टोरिया अस्पताल लेकर पहुँचे, जहाँ चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। प्रारंभिक जाँच में यह बात सामने आई है कि बालक चुनरी का फंदा बनाकर खेल रहा था।
पुलिस ने बताया कि कठौंदा में ननि का ठेका कर्मी कुशलव चौधरी अपनी पत्नी लीला चौधरी, दो बेटियों और दो बेटों के साथ रामजानकी मंदिर के पास रहता है। बुधवार शाम 4 बजे के करीब घर पर परिवार के सदस्यों के अलावा कुशलव की सास कमला बाई भी मौजूद थीं। इस दौरान उनका छोटा बेटा पीयूष उम्र 7 साल दूसरे कमरे में गया और चुनरी से खेल करते हुए झूला डाल रहा था, तभी चुनरी का फंदा गले में फँसा और वह उसमें लटक गया। कुछ देर बाद उसकी नानी कमरे में पहुँची तो उसे फंदे पर लटका देख शोर मचाया। शोर सुनकर परिजन ने तत्काल फंदे पर झूल रहे पीयूष को नीचे उतारा और उसे लेकर विक्टोरिया अस्पताल पहुँचे, जहाँ चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर िदया। पुलिस ने मर्ग कायम कर प्रकरण जाँच में लिया है।
स्टूल पर चढ़कर बाँध रहा था चुनरी
वहीं घटना की जाँच के लिए पहुँचे प्रधान आरक्षक केशलाल ने बताया कि बालक खेलने के लिए कमरे में रखे स्टूल पर चढ़कर कमरे में लगी बल्ली में चुनरी बाँधकर झूलने का प्रयास कर रहा था और चुनरी उसके गले में लिपट गयी जिससे उसकी मौत हुई है।
परिवार में छाया मातम
हादसे से कुशलव के परिवार में मातम का माहौल है। पिता ने बताया कि हादसे के वक्त घर पर पत्नी लीला, सास कमला बाई के अलावा बड़ा बेटा राज उम्र 18 वर्ष कहीं गया था और घर पर बेटियाँ रागनी 15 वर्ष, राशि 12 वर्ष थीं। वह काम से लौटकर खाना खा रहे थे और दादा मोतीलाल चौधरी स्नान कर रहे थे। तभी शोर सुनकर वे सभी दौड़े और पीयूष के गले से चुनरी हटाकर तत्काल एक निजी चिकित्सक के पास ले गये, उन्होंने उसे विक्टोरिया ले जाने कहा था। विक्टोरिया अस्पताल पहुँचने पर पीयूष की साँसें थम चुकी थीं। इस हादसे से परिजनों के अलावा आस पड़ोस के लोग भी अचंभित हैं और उन्हें इस घटना पर विश्वास नहीं हो रहा है।

Created On :   19 Aug 2021 12:20 AM IST

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