हमारे देश में काफी सार्वजनिक छुट्टियां इनकी संख्या बढ़ाने की बजाय कम करने का समय आ गया

Instead of increasing the number of public holidays, time has come to reduce them
हमारे देश में काफी सार्वजनिक छुट्टियां इनकी संख्या बढ़ाने की बजाय कम करने का समय आ गया
हाईकोर्ट हमारे देश में काफी सार्वजनिक छुट्टियां इनकी संख्या बढ़ाने की बजाय कम करने का समय आ गया

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि सार्वजनिक अवकाश का किसी के पास मौलिक अधिकार नहीं है। वैसे भी हमारे देश में काफी सार्वजनिक छुट्टिया है। संभवत़ः अब इन छुट्टियों की संख्या को बढाने की बजाय इनके कम करने का समय आ गया है। किसी दिन को सार्वजनिक छुट्टी घोषित करना अथवा उसे वैकल्पिक अवकाश बनाना है यह सरकार का नीतिगत मामला है। ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता है कि किसी दिन को सार्वजनिक छुट्टी न घोषित करने से किसी के मौलिक अधिकार का हनन होता है। न्यायमूर्ति गौतम पटेल व न्यायमूर्ति माधव जामदार की खंडपीठ ने यह बात सिलवासा निवासी किशनभाई घुटिया की ओर से दायर याचिका को खारिज करते हुए कही। याचिका में मांग की गई थी कि दो अगस्त को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाना चाहिए।क्योंकि इसी दिन 1954 में केंद्र शासित प्रदेश दादरा एवं नगर हवेली ने पुर्तगाली शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की थी। 29 जुलाई 2021 को दो अगस्त के सार्वजनिक अवकाश को खत्म कर दिया गया था। याचिका में कहा गया था कि यदि 15 अगस्त के दिन को देश का स्वतंत्रता दिवस होने के चलते सार्वजनिक अवकाश के रुप में घोषित किया जा सकता है तो दो अगस्त को दादरा नगर हवेली के लिए सार्वजनिक छुट्टी क्यों नहीं घोषित की जा सकती है। याचिका में मुख्य रुप से साल 2022 की सार्वजनिक छुट्टियों को लेकर अक्टूबर 2021 में जारी की गई अधिसूचना को आंशिक रुप से अवैध घोषित करने की मांग की गई थी क्योंकि इसमें दो अगस्त को सार्वजनिक छुट्टी के रुप में शामिल नहीं किया गया था। इसके साथ ही दादरा एवं नगर हवेली के लिए दोबारा सार्वजनिक अवकाश की छुट्टी की सूची जारी करने व आगे से हर साल दो अगस्त को सार्वजनिक अवकाश के रुप में शामिल करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील की ओर से खंडपीठ के सामने तर्क दिया गया कि यदि दीव,दमन,दादरा एंड नगर हवेली के गुड फ्राइडे को गैजेटेड हालिडे(अवकाश) घोषित करने का निर्देश दिया जा सकता है तो ऐसा आदेश दो अगस्त के दिन को लेकर क्यों नहीं दिया जा सकता। किंतु खंडपीठ ने इस तर्क को अस्वीकार कर दिया और कहा कि सार्वजनिक अवकाश कोई मौलिक अधिकार नहीं है। वैसे भी हमारे देश में काफी छुट्टिया है जिन्हें बढाने की बजाय कम करने का समय आ गया है। और याचिका को खारिज कर दिया। 


 

Created On :   6 Jan 2022 7:48 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story