मेलघाट में सेवा देने वाले डॉक्टर को स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए निर्देश 

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हाईकोर्ट मेलघाट में सेवा देने वाले डॉक्टर को स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए निर्देश 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने अमरावती के मेलघाट में दो साल नौ महीने सेवा देनेवाले एक डॉक्टर को स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए तय किए  गए 20 प्रतिशत इन सर्विस कोटे के तहत आरक्षित सीट में दाखिला देने का निर्देश दिया है। हालांकि यह दाखिला अस्थायी (प्रोवीजनल) व  मामले से जुड़ी याचिका पर कोर्ट के भविष्य में आनेवाले  फैसले के अधीन होगा। दरअसल राज्य सरकार ने 26 सितंबर 2022 को शासनादेश जारी कर दुर्गम, पिछडे व ग्रामीण इलाकों में तीन साल तक सेवा देनेवाले डाक्टरों के लिए स्नातकोत्तर पाठ्क्रम की 20 प्रतिशत सीटे ‘इन सर्विस कोटे’ के लिए आरक्षित रखी है। लेकिन मेलघाट में मेडिकल ऑफिसर के तौर पर कार्यरत जयंत जोशी के नाम पर ‘इन सर्विस कोटे’ के लिए इसलिए विचार नहीं किया गया था। क्योंकि मेडिकल शिक्षा महानिदेशालय ने जोशी को लेकर रिपोर्ट नहीं भेजी थी। ‘इन सर्विस कोटे’ में दाखिला न मिलने से असंतुष्ट जोशी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। 

अवकाशकालीन न्यायमूर्ति माधव जामदार व न्यायमूर्ति गौरी गोडसे की खंडपीठ के सामने जोशी की याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान जोशी की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता जमन अली ने कहा कि सरकार के शासनादेश के मुताबिक मेलघाट दुर्गम, ग्रामीण व पिछड़े इलाके की श्रेणी में आता है। इसलिए मेरे मुवक्किल को ‘इन सर्विस कोटे’ के आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए। वहीं सरकारी वकील नेहा भिड़े ने कहा कि याचिकाकर्ता ने मेलघाट में दो साल नौ महीने तक अपनी सेवा दी है। जबकि मेलघाट में याचिकाकर्ता (डाक्टर जोशी) की सेवा तीन साल होनी चाहिए थी। इसलिए याचिकाकर्ता को ‘इन सर्विस कोटे’ के आरक्षण के लिए पात्र नहीं माना जा सकता है। इस पर अधिवक्ता अली ने कहा कि दो साल नौ महीने की अवधि के बाद मेरे मुवक्किल का तबादला पुणे के येरवडा मेडिकल अस्पताल में कर दिया गया था। इसके लिए वे मेलघाट में तीन साल तक सेवा नहीं दे पाए हैं। इसी तरह के मामले में हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने एक डाक्टर को राहत  दी है। इसलिए मेरे मुवक्किल को भी राहत प्रदान की जाए।

मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने व सरकार के शासनादेश पर विचार करने के बाद खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को ‘इन सर्विस कोटे’ का लाभ देने का निर्देश दिया। खंडपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता का पाठ्क्रम में दाखिला अस्थायी होगा और मामले से जुड़ी याचिका पर आनेवाले आदेश के अधीन होगा। खंडपीठ ने अब इस याचिका पर 16 नवंबर 2022 को सुनवाई रखी है। 
 

Created On :   1 Nov 2022 9:12 PM IST

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