मामूली मामले की जांच में 1 साल लगाने वाले पुलिस अधिकारी के खिलाफ जांच का निर्देश

Instructions for investigation against a police officer who took 1 year to investigate a minor case
मामूली मामले की जांच में 1 साल लगाने वाले पुलिस अधिकारी के खिलाफ जांच का निर्देश
मामूली मामले की जांच में 1 साल लगाने वाले पुलिस अधिकारी के खिलाफ जांच का निर्देश

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने मामूली मामले की जांच में एक साल का समय लगानेवाले पुलिस अधिकारी के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। हाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस आयुक्त को इस मामले से जुड़े पुलिस अधिकारी के खिलाफ जांच कर तीन महीने के भीतर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। हाईकोर्ट ने एक इंजीनियरिंग के छात्र के खिलाफ साल 2014 में लापरवाही से मोटरसाइकिल चलाने के आरोप में दर्ज की गई एफआईआर को रद्द करते हुए उपरोक्त निर्देश दिया। आरोपी मोहसीन खान ने खुद के खिलाफ दर्ज की गई एफआईर को रद्द करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। न्यायमूर्ति एसएस शिंदे व न्यायमूर्ति मनीष पीटाले की की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई।

आरोपी के वकील ने कहा कि नियमानुसार यदि किसी अपराध में एक साल तक के कारावास की सजा का प्रावधान है तो ऐसे मामले में  मैजिस्ट्रेट को एक साल के भीतर प्रकरण से जुड़े आरोपपत्र का संज्ञान लेना चाहिए। उन्होंने ने कहा कि लापरवाही से गाड़ी चलाने के मामले से जुड़े अपराध में एक साल की सजा का प्रावधान है। लेकिन मैजिस्ट्रेट ने इस मामले में साल 2017 में संज्ञान लिया है। आरोपी के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल अब एक कंपनी में कार्यरत है। इस दौरान उन्हें विदेश में काम का अवसर मिला था लेकिन इस मामले के प्रलंबित होने के चलते वे विदेश नहीं जा सके। सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने पाया कि मामले से जुड़े जांच अधिकारी ने प्रकरण की जांच में एक साल का समय ले लिया। इससे नाराज खंडपीठ ने इस तरह के मामूली मामले की जांच के लिए एक साल का समय लेने वाले पुलिस अधिकारी के खिलाफ जांच का निर्देश दिया और आरोपी के खिलाफ दर्ज मामले को रद्द कर दिया। 

Created On :   14 April 2021 7:15 PM IST

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