बच्चों व गर्भवती महिलाओं की मैपिंग करने का निर्देश, आईपीएस अधिकारी डॉक्टर से मंगाई रिपोर्ट

Instructions for mapping children and pregnant women, report called for from IPS officer doctor
बच्चों व गर्भवती महिलाओं की मैपिंग करने का निर्देश, आईपीएस अधिकारी डॉक्टर से मंगाई रिपोर्ट
मेलघाट में कुपोषण मामले बच्चों व गर्भवती महिलाओं की मैपिंग करने का निर्देश, आईपीएस अधिकारी डॉक्टर से मंगाई रिपोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने मेलघाट व आदिवासी इलाकों में कुपोषण से होनेवाली मौत के कारणों व वहां की स्थिति का अध्ययन करने के लिए आईपीएस अधिकारी डाक्टर चेरिंग दोर्जे को विशेष अधिकारी के तौर पर नियुक्ति किया है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को मेलघाट व अन्य आदिवासी इलाकों में कुपोषण ग्रस्त शून्य से 6 साल के बच्चों व गर्भवती महिलाओं की मैपिंग करने का भी निर्देश दिया है। आईपीएस अधिकारी के अलावा श्री दोर्जे एक योग्य डाक्टर भी है। जेल के महानिरीक्षक रहते हुए श्री दोर्जे ने कोरोना काल में जेल के भीतर कोरोना को नियंत्रित करने के लिए अच्छा कार्य किया है। दोर्जे ऐसे राज्य से आते है जहां काफी संख्या में आदिवासियों की आबादी है। ऐसे में एक पुलिस अधिकारी व डाक्टर होने के नाते हमे दोर्जे की रिपोर्ट से मेलघाट में कुपोषण के चलते होनेवाली मौत व आदिवाशी इलाकों की स्थिति की सही तस्वीर देखने को मिल सकेंगी। इसलिए सरकार दोर्जे को कुछ दिनों के लिए उनके कार्य से मुक्त करे।ताकि वे आदिवासी इलाकों का दौरा कर सके। कोर्ट द्वारा दोर्जे से मेलघाट स्थिति को लेकर रिपोर्ट मंगाने पर राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी ने कोई आपत्ती नहीं जताई। 

इससे पहले मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ ने कहा कि सरकार की ओर से कुपोषण का शिकार शून्य से 6 साल की आयु की बच्चों व गर्भवती महिलाओं की मैपिंग करने की दिशा में सरकरा की ओर से कोई पहल नहीं की गई है। खंडपीठ ने कहा कि जब तक  आदिवासी इलाकों व वहां पर परेशान लोगों की पहचान नहीं की जाएगी तब तक सरकारी अधिकारियों के ऐसे इलाकों के दौरे का कोई अर्थ नहीं निकलेगा। 

इससे पहले सामाजिक कार्यकर्ता बंडू साने ने खंडपीठ के सामने कहा कि मेलघाट इलाके में अभी भी कुपोषण से बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है। कोर्ट के आदेश के बावजूद आदिवासी इलाकों में कोई भी बालरोग व महिलारोग विशेषज्ञय डाक्टर की नियुक्ति नहीं की गई है।  हालांकि सरकारी अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में बच्चों की मौत के लिए कई कारणों को जिम्मेदार ठहाराया है। मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि सरकार की ओर से आदिवासी इलाकों में रहनेवाले लोगों की परेशानियों को दूर करने के लिए कुछ कदम उठाए गए है। लेकिन यह वहां के लोगों की मुश्किलों को कम करने के लिए नाकाफी नजर आ रहे है। इसलिए हम इस आईपीएस अधिकारी दोर्जे को मेलघाट इलाके कुपोषण से होनेवाली मौत व इलाके की स्थिति का अध्ययन करने के लिए विशेष अधिकारी के तौर पर नियुक्त करते है। जो कोर्ट को एक रिपोर्ट सौपेंगे। जिसमें उन्हें बताना होगा कि कैसे बच्चों की मौत को मेलघाट में रोका जा सकता है। इस मेलघाट में कुपोषण के मुद्दे को लेकर डाक्टर राजेंद्र बर्मा व अन्य लोगों ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। खंडपीठ ने 25 अक्टूबर 2021 को इस याचिका पर सुनवाई रखी है। 
 

Created On :   11 Oct 2021 8:48 PM IST

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