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जॉनसन एंड जॉनसन बेबी पावडर के नमूनों की नए सिरे से जांच के निर्देश
डिजिटल डेस्क, मुंबई. बांबे हाईकोर्ट ने बुधवार को राज्य के अन्य व औधष प्रशासन (एफडीए) को जॉनसन एंड जॉनसन बेबी पावडर के नमूनों की नए सिरे से जांच करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने कंपनी को पावडर के निर्माण की अनुमति भी दी है लेकिन पावडर के बेचने पर रोक लगाई है। कंपनी ने राज्य सरकार के विभाग एफडीए की ओर से जारी किए गए दो आदेशों को याचिका दायर कर हाईकोर्ट में चुनौती दी है। राज्य सरकार ने 15 सितंबर 2022 को आदेश जारी कंपनी के लाइसेंस को रद्द कर दिया था जबकि 20 सितंबर 2022 को आदेश जारी कर कंपनी को पावडर के निर्माण व बेचने पर रोक लगा दी थी। इन दोनों आदेश को कंपनी ने कोर्ट में चुनौती दी है।याचिका में दावा किया गया है कि कंपनी के पक्ष को सुने बिना नियमों के विपरीत एफडीए की ओर से आदेश जारी किया गया है। इसलिए इसे रद्द किया जाए।
मुलुंड इलाके में जॉनसन बेबी पाउडर के उत्पादन की इकाई है। एफडीए ने कोलकाता की प्रयोगशाला में पावडर के नमूनों की जांच के बाद पावडर के बिक्री व वितरण पर रोक लगा दी थी। नमूनों की जांच में पाउडर में बच्चों के लिए हानिकारक तत्व पाए जाने के बाद कंपनी के लाइसेंस रद्द करने का फैसला किया गया है। एफडीए के मुताबिक बच्चों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले जॉनसन बेबी पाउडर में पीएच तय मानक के मुताबिक नही था। इसलिए इसके इस्तेमाल से नवजात शिशुओं और छोटे बच्चों को त्वचा से जुड़ी परेशानी हो सकती है। लिहाजा कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
बुधवार को न्यायमूर्ति एसवी गंगापुरवाला व न्यायमूर्ति एसजी दिगे की खंडपीठ के सामने कंपनी की याचिका सुनवाई के लिए आयी। इस दौरान खंडपीठ ने एफडीए को कंपनी की मुलुंड इलाके में स्थित फैक्टरी से नए सिरे से तीन दिन के भीतर जांच के लिए नमूने लेने का निर्देश दिया। इसके बाद नमूनों को दो सरकारी प्रयोगशलाओं व एक निजी लैब में जांच के लिए भेजने का निर्देश दिया। खंडपीठ ने नमूनों को एफडीए की पश्चिम जोन में स्थित केंद्रीय प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजने को कहा और प्रयोगशाला को एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौपने का निर्देश दिया।
इससे पहले कंपनी की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता रवि कदम ने खंडपीठ से आग्रह किया कि जब तक नमूनों की जांच रिपोर्ट आती है तब तक कंपनी को पावडर बनाने की अनुमति दी जाए। क्योंकि एफडीए की ओर से बेबी पावडर के बेचने व वितरण पर रोक लगाई गई है। हम सरकार के इस निर्देश का पालन करेंगे। इस पर खंडपीठ ने कहा कि कंपनी अपने जोखिम पर बेबी पावडर बनाए। लेकिन उसे सरकार के आदेश का पालन करना होगा। खंडपीठ ने अब 30 वनंबर को इस मामले की सुनवाई रखी है।
Created On :   16 Nov 2022 10:06 PM IST