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प्रत्येक ग्राम पंचायत में क्रीड़ा सेवक होना आवश्यक
डिजिटल डेस्क, अमरावती। गांव-गांव में व्यायाम शाला नियमित रूप से चलाई जा रही है। इसी के साथ गांव में खेल के उपक्रमों को भी बढ़ावा देने के लिए हर गांव में क्रीड़ासेवक होना आवश्यक है। जिसके लिए क्रीड़ा विभाग की ओर से अनुदानित संस्थाओ ंने आगे आना चाहिए। यह आवाहन जिलाधीश पवनीत कौर ने किया है। जिले के 375 क्रीड़ा संस्थाओं के शाला, महाविद्यालय व ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में क्रीड़ा विषयक नीतियों को लेकर जिलाधीश पवनीत कौर ने क्रीडा विभाग से जानकारी मांगी। जिस पर क्रीडा अधिकारी संदीप जाधव की ओर से अमरावती जिले में खेल से जुडी आधारभुत सुविधाओं का विवरण उपलब्ध कराया था। जिसके आधार पर जिलाधीश पवनीत कौर ने उन्हें सूचना दी है कि जिले के खेल कौशल्य को निखारने के लिए ग्रामीण क्षेत्र के ऊर्जावान खिलाडियों को बेहतर प्रशिक्षण मिलना चाहिए। जिलाधीश ने कहा कि नियमित रूप से चलाने के लिए नागरिकों को स्वास्थ्य को लेकर जागरूक करना चाहिए। प्रशिक्षण देने के लिए गांव में क्रीड़ा सेवक भी होना चाहिए। जिसके लिए क्रीड़ा संस्थाओं ने प्रयास करना आवश्यक है। जिला क्रीड़ा कार्यालय की ओर से मास्टर ट्रेनर का कार्यक्रम लिया जाएगा। दौड़भाग की इस आधुनिक युग में स्वास्थ्य अच्छा रखने के लिए व्यायाम व खेल आवश्यक है। जिसके लिए सभी ने योगदान देना चाहिए। जिला क्रीड़ा अधिकारी जाधव ने कहा कि जिला वार्षिक योजना में व्यायाम शाला विकास अनुदान योजना व क्रीडांगण विकास अनुदान योजना पर अमल किया जा रहा है। योजना के अनुसार जिले के पात्र शिक्षा संस्था, निकाय स्वराज संस्था अंतर्गत शैक्षणिक संस्थाओं के साथ ही ग्राम पंचायतों को व्यायाम शाला निर्माण व व्यायाम साहित्य के लिए 7 लाख रूपए की मर्यादा में व क्रीड़ांगण विकास अनुदान योजना के लिए 7 लाख रुपए तक अनुदान मंजूर किया जाता है।
Created On :   11 Nov 2021 5:04 PM IST