कोरोना रक्षक व कवच पॉलिसी से बीमित को नहीं मिली राहत

Insured did not get relief from Corona Guard and Armor Policy
कोरोना रक्षक व कवच पॉलिसी से बीमित को नहीं मिली राहत
कोरोना रक्षक व कवच पॉलिसी से बीमित को नहीं मिली राहत

पीडि़तों का आरोप : मनमाफिक कमियाँ गिनाकर क्लेम देने से बच रही इफको टोकियो बीमा कंपनी
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
कोरोना का बीमा कराने वाले पॉलिसी धारक को लाभ देने का वादा इंश्योरेंस कंपनी द्वारा किया गया। जब बीमित व्यक्ति को जरूरत पड़ी तो बीमा कंपनी शर्त के अनुसार लाभ देने से पीछे हट रही है। कोरोना संक्रमण के शिकार व्यक्ति को जेब से अस्पताल का बिल भरना पड़ा। बीमित व्यक्तियों का बीमा कंपनी क्लेम देने के लिए तैयार नहीं हैं। किसी एक इंश्योरेंस कंपनी से पॉलिसी धारक पीडि़त नहीं हैं, बल्कि अनेक कंपनियों से दु:खी हैं और वे लगातार शिकायतें करते आ रहे पर अस्पताल व दवाइयों के बिलों को बीमा कंपनियाँ दरकिनार कर रही हैं। कंपनियों के जिम्मेदार सीधे तौर पर पॉलिसी धारकों से बात नहीं कर रहे हैं और उनके एजेंट भी वर्तमान में हाथ खड़े करते नजर आ रहे हैं। इंश्योरेंस कंपनियाँ अपने एजेंटों से भी बात करने तैयार नहीं हैं। इस महामारी के दौर में बीमा अधिकारियों द्वारा किस तरह का व्यवहार अपने ग्राहकों से किया जा रहा है यह वर्तमान में देखने मिल रहा है। अब पीडि़त कहने लगे हैं कि हमारे साथ  बीमा कंपनी न्याय नहीं कर रही है।
इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ 
इस तरह की समस्या यदि आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर, जबलपुर के मोबाइल नंबर - 9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।
बीमा कंपनी ने नहीं दिया पॉलिसी का लाभ
काँचघर लालमाटी निवासी प्रकाश गोंटिया ने शिकायत में बताया उन्होंने इफको टोकियो से कोरोना कवच पॉलिसी ली थी। पॉलिसी लेने के बाद अगर वे कोरोना संक्रमण का शिकार हुए तो उम्मीद थी कि बीमा कंपनी सहारा बनेगी। बीमा कंपनी तो सहारा नहीं बनी बल्कि उलटा इतना परेशान कर दिया कि वे आहत हो गए हैं। पीडि़त के अनुसार 17 नवंबर 2020 को वे कोरोना संक्रमण का शिकार हो गए थे। चिकित्सक की सलाह पर विक्टोरिया अस्पताल में वे भर्ती हो गए थे। अस्पताल से 25 नवंबर को उनकी छुट्टी हुई थी। कमजोरी के कारण वे घर पर एक माह रहे और उसके बाद अस्पताल से मिले सारे बिल बीमा कंपनी के ऑफिस में जमा करने के साथ ही ऑनलाइन भी सारे दस्तावेज जमा किए थे। दस्तावेज जमा करने के बाद बीमा कंपनी द्वारा अनेक दस्तावेज माँगे गए और वो भी उनके द्वारा उपलब्ध करा दिए गए, लेकिन बीमा कंपनी ने अस्पताल कैसा होना चाहिए और अधारहीन तथ्य बताकर क्लेम को निरस्त कर दिया। पीडि़त का कहना है कि अगर बीमा कंपनी क्लेम नहीं देगी तो हम लीगल कार्ट में जाएँगे।
दस्तावेज देने के बाद भी नहीं मिला क्लेम
दीपक बरमैया निवासी विवेकानंद वार्ड ने बताया कि उन्होंने इफको टोकियो से कोरोना पॉलिसी ली थी। वे 25 सितम्बर 2020 को कोरोना संक्रमण का शिकार हो गए थे। 3 अक्टूबर को इलाज हो जाने के बाद विक्टोरिया अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। वे कुछ दिन घर ही रहे और अस्पताल की कोविड रिपोर्ट उन्होंने बीमा कंपनी में लगाया था, इसके अलावा अन्य दस्तावेज भी बीमा कंपनी को दिए। इसके बाद बीमा कंपनी द्वारा एक क्वेरी पत्र जारी किया गया और उस पत्र के आधार पर सारे दस्तावेज उन्होंने बनवाए। विक्टोरिया अस्पताल से मिले सारे दस्तावेज उन्होंने बीमा कंपनी में जमा किए और ऑनलाइन भी सबमिट किए थे। उसके बाद दोबारा बीमा कंपनी ने ऐसे दस्तावेज माँगे जो आईसीएमआर जारी ही नहीं करती है। उन्होंने बीमा कंपनी के अधिकारियों से संपर्क किया और पूरा विवरण बताया तो बीमा कंपनी के अधिकारियों ने एक सर्वेयर को परीक्षण के लिए भेजा। सर्वेयर ने आश्वासन दिया कि जल्द क्लेम दिलाया जाएगा लेकिन आज तक कोरोना रक्षक बीमा क्लेम नहीं मिला। बीमा कंपनी अब क्लेम देने से इनकार कर रही है। 
इनका कहना है
मेरा दिल्ली ट्रांसफर हो गया है और अब आप लोकल ऑफिस में बात करें, वे ही इस मामले में अपना जवाब देंगे। मैं किसी भी तरह का उत्तर नहीं दे सकता हूँ।
योगेश कुमार 
इफको टोकियो 
*पॉलिसी के अनुसार हमारे द्वारा क्लेम दिया गया है। नियमानुसार पॉलिसी धारकों को हमारी कंपनी निरंतर राहत दे रही है, अगर किसी को क्लेम नहीं मिला है तो वे फिर से अपील कर सकते हैं।
-मनोज पांडे, इफको टोकियो

Created On :   31 May 2021 2:36 PM IST

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