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गोसीखुर्द में बनेगा अंतर्राष्ट्रीय स्तर का जल पर्यटन केंद्र, परियोजना पर खर्च होगा 101 करोड़
डिजिटल डेस्क, मुंबई। भंडारा जिले के गोसीखुर्द परियोजना के जलाशय में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का देश का सर्वोत्तम और अग्रणी जलपर्यटन केंद्र बनाने परियोजना तैयार की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को जल पर्यटन परियोजनाओं पर अधिकारियों के साथ बैठक में यह निर्देश दिए। मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि जलपर्यटन परियोजना के चलते विस्थापितों को रोजगार का बड़ा मौका मिलेगा। साथ ही इलाके के विकास में मदद मिलेगी। परिसर को दूसरी जगहों से जोड़कर पर्यटन सर्किट बनाया जा सकेगा। उन्होंने अधिकारियों को हिदायत दी कि काम उच्च गुणवत्ता का हो इसका ध्यान रखा जाए साथ ही काम के चलते पर्यावरण को किसी तरह का नुकसान नहीं होना चाहिए। सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए पीपीपी मॉडल अपनाया जाए। साथ ही परियोजना के लिए जलसंसाधन और पर्यटन मंत्रालय मिलकर काम करें क्योंकि इस तरह की परियोजनाओं से रोजगार, राजस्व और पर्यटन बढ़ाने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि तलाबों के जिले के तौर पर पहचाने जाने वाले भंडारा में गोसीखुर्द परियोजना का बैक वॉटर जलपर्यटन विकसित करने के लिए आदर्श है। इसका अच्छी तरह अध्ययन किया गया है। इसके 100 किलोमीटर के दायरे में ताडोबा, नागझिरा, उमरेड, करांढला बाघ परियोजना, कोका अभ्यारण्य जैसे पर्यटकों के लिए आकर्षण के केंद्र है। नागपुर भंडारा के साथ ये जगहें दूसरे शहरों से भी सड़क के रास्ते जुड़े हुए हैं। मुख्यमंत्री शिंदे की अध्यक्षता में जलपर्यटन परियोजना को लेकर मंत्रालय समिति सभागृह में एक बैठक हुई जिसमें विधायक नरेंद्र भोंडेकर, जलसंसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव दीपक कपूर, पर्यटन विभाग के सचिव सौरभ विजय, भंडारा के जिलाधिकारी संदीप कदम, महाराष्ट्र पर्यटन विकास महामंडल (एमटीडीसी) के व्यवस्थापकीय महानिदेशक श्रद्धा जोशी के साथ संबंधित विभागों के दूसरे अधिकारी भी मौजूद थे।
101 करोड़ की लागत से बनेगी परियोजना
जल पर्यटन परियोजना का अनुमानित खर्च 101 करोड़ 33 लाख रुपए है। इसके तहत रात में जलसफर, हाऊस बोट, भंडारा से पवनी तक पर्यटन स्थल को जोड़ने के लिए जेट्टी, संगीत फव्वारा, बोटिंग, सर्फिंग की सुविधा, मरीना और रैंप, रॉकपूल, हो-हो बोट, बंपर राइड, फ्लाइंग फिश, जेटाव्हेटर, पैरासेलिंग जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। उम्मीद है कि दो साल में पर्यटकों की संख्या 7 लाख तक पहुंच जाएगी जिसके चलते होटल, रेस्टारेंट जैसी सुविधाएं विकसित होंगी। इससे 150 लोगों को सीधे जबकि 4-5 हजार लोगों को परोक्ष रोजगार मिलेगा।
Created On :   14 Oct 2022 9:21 PM IST