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फिर खुल गए अवैध दवाखानें, ठंडे बस्ते में स्वास्थ्य विभाग की मुहिम
डिजिटज डेस्क कटनी। मरीजों की जान से खुलेआम खिलवाड़ कर रहे अप्रशिक्षित तथा झोलाछाप डॉक्टरों के विरूद्ध जिले में कुछ माह पूर्व तक चलाया जा रहा अभियान ठंडे बस्ते में जा पहुंचा है। सीएमएचओ संतोष जैन के तबादले के बाद से ही जिले में इस अभियान के ठंडे बस्ते में पहुंचने के साथ ही जिले में एक बार फिर झोला छाप डॉक्टरों के हौसले बुलंद हो गए हैं। न सिर्फ ग्रामीण अंचलों में बल्कि शहरी क्षेत्र में भी बेधड़क झोला छाप डाक्टरों के अवैध दवाखाने गुलजार होते देखे जा सकते हैं।
कमजोर पड़ा मुहिम का असर
उल्लेखनीय है कि मानवाधिकार आयोग एवं सुप्रीमकोर्ट के सख्त निर्देश के बावजूद जिले में लंबे अर्से से अवैध दवाखाना तथा झोलाछाप डाक्टरों पर कार्रवाई नहीं हो रही थी। जिससे आये दिन मरीजों की जान पर खतरा मंडरा रहा था। दैनिक भास्कर द्वारा लगातार मुहिम चलाकर झोलाछाप डाक्टरों के विरूद्ध खबरों का प्रकाशन किया गया था। जिसे गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर के निर्देश पर तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. संतोष जैन के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा ताबड़तोड़ मुहिम संचालित की गई। करीब एक माह चली इस मुहिम दौरान शहर से लेकर सुदूर गांवों तक बिना पंजीयन के चल रहे दवाखानों एवं बिना डिग्री के डॉक्टरों के विरूद्ध कार्रवाई करते हुए नोटिस थमाए गए तथा कई अवैध दवाखाने बंद कराए गए। कार्रवाई का ऐसा असर था कि जिले के अधिकांश झोलाछाप डॉक्टर अपने अवैध दवाखानों में ताला लगाकर गायब हो गए थे, लेकिन पिछले 2 माह से मुहिम के अचानक ठंडे पडऩे के बाद एक बार फिर जिले में झोलाछाप डॉक्टरों की चांदी हो गई है तथा फिर इन अवैध दवाखानों के शटर खुल गए हैं।
कार्रवाई की आड़ में वसूली के भी आरोप
उल्लेखनीय है कि करीब 2 माह तक चली कार्रवाई दौरान कई रसूखदार बिना डिग्री के डॉक्टरों तथा अवैध दवाखाना संचालकों पर कार्रवाई की गई, लेकिन कई दवाखानों व डॉक्टरों के विरूद्ध यह कार्रवाई मात्र दिखावे की ही साबित हुई। कार्रवाई के बावजूद कई ऐसे अवैध दवाखाने थे जिन्हें नोटिस तो जारी किए गए थे, लेकिन ये दवाखाने बंद नहीं हुए थे। सूत्र बताते हैं कि कार्रवाई के बाद जहां कई दवाखानों के पंजीयन मध्यप्रदेश नर्सिंग एक्ट के तहत कर लिए गए हैं तो वहीं कई दवाखानों से अवैध वसूली के आरोप भी सामने आए हैं।
पैथालॉजियों, सोनोग्राफी सेंटरों की नहीं हो रही जांच
गौरतलब है कि भले ही दो माह पूर्व स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा अवैध दवाखानों तथा झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ मुहिम चलाकर बंद कर दी हो लेकिन इस मुहिम का असर जिले में देखा गया। वहीं दूसरी ओर जिले में चल रही अवैध पैथालॉजियों के विरूद्ध स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोई मुहिम नहीं चलाई गई है। जिससे अवैध पैथालॉजी संचालकों के हौसले बढ़े हुए हैं। उल्लेखनीय है कि कई साइडलैब के नाम पर अवैध पैथालॉजी संचालित हो रही हैं तो कई ऐसी पैथालॉजी हैं जिनका पंजीयन स्वास्थ्य विभाग में नहीं है। इतना ही नहीं कई ऐसी पैथालॉजी भी जिले में हैं जिनमें न तो ब्लड व यूरिन टेस्ट के लिए प्रशिक्षित टेक्रिकल स्टॉफ है और न ही पैथालॉजी संचालक के पास रेडियोलॉजी सहित पैथालॉजी संचालन की योग्यता। देखने में आ रहा है कि विभिन्न डॉक्टरों तथा रेडियोलॉजिस्ट के नाम पर अन्य तत्वों द्वारा अवैध रूप से पैथालॉजी का संचालन किया जा रहा है। इनमें कई नामी अस्पतालों में संचालित हो रही पैथालॉजी भी शामिल हैं। इसके अलावा जिले में कई सोनोग्राफी सेंटरों में पीएनडीटी एक्ट का उल्लंघन भी किया जा रहा है।
इनका कहना है
जिले में एक बार फिर अवैध दवाखानों तथा झोलाछाप डाक्टरों के विरूद्ध अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही जल्द ही अवैध पैथालॉजियों के खिलाफ व्यापक पैमाने पर कार्यवाई शुरू की जाएगी। इसके लिए विभाग द्वारा तैयारी कर ली गई है।
- डॉ. अशोक अवधिया, सीएमएचओ
Created On :   4 Oct 2017 1:01 PM IST