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पांच वर्षों में 10 लाख करोड़ के निवेश से 40 लाख रोजगार की उम्मीद
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार ने नई औद्योगिक नीति जाहिर कर दी है जिसमें अगले पांच सालों में 10 लाख करोड़ रुपए के निवेश और 40 लाख रोजगार निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। नई नीति के तहत औद्योगिक विकेंद्रीकरण के लिए उद्योगों के मामले में पिछड़े विदर्भ, मराठवाडा और नक्सल प्रभावित इलाकों को विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा। इसके अलावा एमआईडीसी क्षेत्र में छोटे उद्योगपतियों, महिलाओं, अनुसूचित जाति-जनजाति के उद्योगपतियों को प्राथमिकता दी जाएगी।
विदर्भ, मराठावाडा व नक्सलप्रभावित इलाकों को विशेष प्रोत्साहन
राज्य में ज्यादा से ज्यादा निवेश और रोजगार निर्माण के लिए बड़ी परियोजनाओं को बढ़ावा देने का फैसला किया गया है। साथ ही सभी उद्योगों के लिए स्थानीय लोगों को ही रोजगार देना जरूरी होगा। औद्योगिक क्षेत्र में कर्मचारियों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए वॉक टू वर्क अवधारणा पर जोर दिया गया है। इसके लिए पांच किलोमीटर परिसर के भीतर रहिवासी इमारत बनाने के लिए अतिरिक्त चटाई क्षेत्र निर्देशांक (एफएसआई) लागू किया जाएगा। प्रदूषण रहित परियोजना के रहिवासी क्षेत्र में सिनेमाघर, मल्टीप्लेक्स, अस्पताल, स्कूल, प्रशिक्षण संस्थान आदि बनाने की इजाजत दी जाएगी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे और उद्योगमंत्री सुभाष देसाई की मौजूदगी में मंगलवार को एक पांच सितारा होटल में आयोजित कार्यक्रम में नई औद्योगिक नीति का ऐलान किया गया। आगामी 1 अप्रैल से लागू होने वाली यह औद्योगिक नीति अगले पांच सालों तक जारी रहेगी। इसमें ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत करने के लिए कृषि आधारित उद्योगों को प्रोत्साहन देने पर जोर दिया गया है।
अविकसित क्षेत्रों को प्रोत्साहन
औद्योगिक विकास में प्रादेशिक असमानता दूर करने के लिए रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, धुले जिलों के साथ विदर्भ, मराठवाडा, बिना उद्योग वाले जिलों और नक्सल प्रभावित इलाकों को अतिरिक्त प्रोत्साहन दिया जाएगा। साथ ही पिछड़े इलाकों के उद्योग लगाने के लिए रोजगार निर्माण की सीमा में अन्य क्षेत्रों के मुकाबले रियायत मिलेगी।
रोजगार निर्माण कार्यक्रम
महाराष्ट्र के स्थानीय युवाओं को स्वयंरोजगार उपलब्ध कराने के लिए बड़े पैमाने पर मुख्यमंत्री रोजगार निर्माण कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। इस कार्यक्रम के तहत 18 से 45 साल तक की आयु के पात्र लोगों को स्वयं रोजगार के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही बैंकों के जरिए वित्तीय मदद के लिए राज्य सरकार पूंजी भी उपलब्ध कराएगी।
Created On :   7 March 2019 3:54 PM IST