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इसकी कमी से होनेवाली बीमारियों की दी जानकारी, सेहत पर पड़ता है असर
डिजिटल डेस्क, गोंदिया। आयोडीन यह महत्वपूर्ण खनिज द्रव्य में से एक खनिज होकर शरीर के साधारण थॉयराॅइड को नियंत्रित करने के लिए अत्यंत आवश्यक है। प्रतिदिन आहार में आयोडीनयुक्त नमक का उपयोग आवश्यक है, उक्ताशय के विचार निवासी वैद्यकीय अधिकारी डाॅ. सुवर्णा हुबेकर ने व्यक्त किए। राष्ट्रीय गलगंड नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत केटीएस अस्पताल में आयोडीन न्यूनता दिवस कार्यक्रम उत्साहपूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर मार्गदर्शक के रूप में निवासी वैद्यकीय अधिकारी डाॅ. सुवर्णा हुबेकर, संक्रामक रोग अधिकारी डाॅ. सुशांकी कापसे, डाॅ.सुवर्णरेखा उपाध्याय, डाॅ.मीना वट्टी, डाॅ.नीलिमा कुठे आदि उपस्थित थे। यहां आयोजित कार्यक्रम में आयोडीन की कमी से होनेवाली बीमारियों की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि आयोडीन की कमी से क्रेटिनिझम बीमारी होती है। गर्भवती माता को आयोडीन की कमी होने पर अर्भक के शारीरिक व मेंदू के विकास पर इसका असर होता है। ऐसे बालक जन्म में आने के बाद सामान्य बालकों की तरह चल व बोल नहीं पाते। इसलिए आयोडीनयुक्त नमक का काफी महत्व है। प्रौढ़ व्यक्ति को साधारणत: 150 माइक्रो ग्राम तक आयोडीन लगता है। गर्भवती व स्तनदा माताओं को मात्र 200 माइक्रो ग्राम तक आयोडीन की आवश्यकता होती है। आगे कहा कि गोंदिया जिले में आयोडीन की कमी से मरीज बड़े पेमाने पर पाए जाते हैं। प्रतिदिन के समतोल आहार में आयोडीन युक्त नमक का उपयोग नागरिकों द्वारा किया जाना चाहिए।
इस समय उन्होंने आयोडीन न्यूनता बीमारी से बचाव के लिए उपाय योजना की जानकारी दी। प्रस्तावना आहार विशेषज्ञ कोमल अवस्थी ने रखी।
Created On :   27 Oct 2021 8:09 PM IST