फोन टैपिंग मामले में सरकार बना रही बली का बकरा

IPS officer Shukla claims : Government is making scapegoat in phone tapping case
फोन टैपिंग मामले में सरकार बना रही बली का बकरा
IPS अधिकारी शुक्ला का दावा फोन टैपिंग मामले में सरकार बना रही बली का बकरा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रश्मी शुक्ला ने अपने वकील के माध्यम से बांबे हाईकोर्ट में दावा किया है कि उन्हें पुलिस विभाग में पुलिसकर्मियों के तबादले व तैनाती को लेकर कथित फोन टैपिंग मामले से जुड़ी रिपोर्ट सौपने के मामले में राज्य सरकार की ओर बली का बकरा निशाना बनाया जा रहा है। न्यायमूर्ति एसस शिंदे व न्यायमूर्ति एनजे जमादार की खंडपीठ के सामने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है। याचिका में शुक्ला ने मामले को लेकर एफआईआर को रद्द करने की मांग की है। 

आईपीएस अधिकारी शुक्ला की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने कहा कि मेरे मुवक्किल का राज्य की खुफिया विभाग प्रमुख के पद से अवैध रुप से डायरेक्टर जनरल ऑफ सीविल डिफेंस के पद पर तबादल किया गया। जबकि तबादले से पहले इस पद अस्तित्व नहीं था। हालांकि मेरी मुवक्किल ने तबादले को चुनौती नहीं दी है। यह बात सिर्फ कोर्ट की जानकारी के लिए बताई जा रही है। 

लाईव डिटेक्टिव टेस्ट के लिए तैयार हैं रश्मी शुक्ला

उन्होंने कहा कि मेरी मुवक्किल ने तत्कालिन अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) सीताराम कुंटे से अनुमति लेकर फोन टैपिंग की थी। अब कुंटे खुद को इस मामले से बचाने के  प्रयास के तहत सबकुछ मेरी मुवक्किल पर थोप रहे हैं। मेरी मुवक्किल लाइ डिटेक्टर टेस्ट के लिए भी राजी है। क्या कुंटे इसके लिए तैयार है। इस तरह का बरताव एक कर्तव्यनिष्ठ आईपीएस अधिकारी के साथ उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण को लेकर जो एफआईआर है उसको लेकर सिर्फ मेरी मुवक्किल के खिलाफ जांच शुरु की गई है। जबकि एफआईआर में किसी का नाम नहीं हैं। मेरी मुवक्किल को इस मामले में ‘बली का बकरा’ बनाया जा रहा है। मेरी मुवक्किल के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर का एक मात्र उद्देश्य यह है कि राज्य के पुलिस महकमे के तबादले व तैनाती से जुड़े दस्तावेज सीबीईआई तक न पहुंचे। मेरी मुवक्किल ने जो फोन इनंटसेप्ट किए थे वह 150 पुलिस अधिकारियों के तबादले से जुड़े है। जिसमें से नौ लोगों को पोस्टिंग बकायदा मोलभाव करके दी गई है। इस संबंध में रिपोर्ट देने के लिए सरकार मेरी मुवक्किल से नाराज है। शुक्ला द्वारा तैयार रिपोर्ट के कुछ हिस्से विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस के हाथ लग गए हैं, इस लिए भी सरकार खफा हो गई है। शुक्ला वर्तमान में हैदराबाद में सीआरपीएफ की (दक्षिण जोन) की अतिरिक्त महानिदेशक है। खंडपीठ ने अब शुक्ला की याचिका पर 21 अगस्त 2021 को सुनवाई रखी हैं। खंडपीठ ने मामले में शुक्ला को मिली कड़ी कार्रवाई से अंतरिम राहत को 23 अगस्त तक जारी रखा है।

Created On :   20 Aug 2021 7:58 PM IST

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