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आईपीएस रश्मि शुक्ला को हाईकोर्ट से राहत, गिरफ्तार न करने का निर्देश
डिजिटल डेस्क, मुंबई। पुलिस ने बॉम्बे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि वह मामले की अगली सुनवाई तक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला को न तो गिरफ्तार करेगी और न ही उनके खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई करेंगी। लेकिन पुलिस की एक टीम शुक्ला से हैदराबाद में पूछताछ कर सकेगी। इस पर मामले से जुड़े दोनों पक्षों ने सहमति व्यक्त की है। इस तरह से पुलिस को शुक्ला से पूछताछ की इजाजत मिल गई है। हाईकोर्ट में शुक्ला की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है। शुक्ला के खिलाफ पुलिस ने अवैध फोन टैपिंग व पुलिस पोस्टिंग से जुड़े संवेदनशील दस्तावेज लीक करने से जुड़े मामले को लेकर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। जिसे शुक्ला ने याचिका में चुनौती दी है। याचिका में शुक्ला ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की है और कड़ी कार्रवाई से संरक्षण दिए जाने का आग्रह किया है। पिछले माह मुंबई पुलिस ने शुक्ला को दो बार समन जारी किया था। जिसमें शुक्ला को बयान दर्ज करने के लिए मुंबई बुलाया गया था और उन्हें बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) स्थिति सायबर पुलिस के सामने हाजिर होने को कहा था। पर शुक्ला हाजिर नहीं हुई थी।
गुरुवार को शुक्ला की याचिका न्यायमूर्ति एसएस शिंदे व न्यायमूर्ति मनीष पीटाले की खंडपीठ के सामने सुनवाई के लिए आयी। इस दौरान पुलिस की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता डेरियस खम्बाटा ने कहा कि मुंबई पुलिस के सायबर प्रकोष्ठ की एक टीम को शुक्ला का बयान दर्ज करने के लिए हैदराबाद भेजा जाएगा। शुक्ला फिलहाल हैदराबाद में केंद्रीय सुरक्षा दल (सीआरपीएफ) के दक्षिणी जोन की अतिरिक्त महानिदेशक हैं। इस बीच खंडपीठ ने शुक्ला की याचिका को देखने के बाद कहा कि याचिकाकर्ता ( शुक्ला) के खिलाफ ऑफिसियल सीक्रेट एक्ट, सूचना प्रौद्योगिकी व इंडियन टेलीग्राफ कानून की धाराओं के तहत मामला दर्ज है। जिसमें सिर्फ तीन साल की सजा का प्रावधान है। याचिकाकर्ता हैदराबाद में सेवारत हैं। कोविड कि चलते उनके लिए पूछताछ के लिए मुंबई आ पाना मुश्किल है। हम इस याचिका पर गर्मी की छुट्टियों के बाद सुनवाई करेंगे। इसलिए यदि राज्य सरकार स्वयं कहे कि तब तक वह इस मामले में कड़ी कार्रवाई नहीं करेगी। तो ठीक रहेगा।
इस पर खम्बाटा ने कहा कि पुलिस अगली सुनवाई तक शुक्ला को न तो गिरफ्तार करेगी और न ही उनके खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई करेंगी। उन्होंने कहा कि हमे नहीं पता कोविड कब खत्म होगा लेकिन मामले की जांच भी जरूरी है। इसलिए पुलिस की एक टीम को शुक्ला का बयान दर्ज करने हैदराबाद भेजा जाएगा। वहीं शुक्ला की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने कहा कि मेरी मुवक्किल जांच में सहयोग के लिए तैयार हैं। पुलिस की टीम हैदराबाद जाकर मेरे मुवक्किल का बयान दर्ज कर सकती हैं। इसके बाद खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई जून तक के लिए स्थगित कर दी। शुक्ला ने याचिका में दावा किया है कि उन्होंने जो कुछ किया वह उनकी आधिकारिक ड्यूटी का हिस्सा था। यह भ्रष्टाचार को उजागर करने व दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए किया गया था। लेकिन याचिकाकर्ता के कार्य की सराहना करने की बजाय सरकारी प्रशासन उन्हें झूठे आपराधिक मामले में फसाने में लगा हुआ है।
Created On :   6 May 2021 5:36 PM IST