विडम्बना - कम खर्च के चक्कर में बदल दिया सिस्टम, अब बार-बार आ रहा फॉल्ट

Irony - Changed system due to low cost, now frequent faults
विडम्बना - कम खर्च के चक्कर में बदल दिया सिस्टम, अब बार-बार आ रहा फॉल्ट
विडम्बना - कम खर्च के चक्कर में बदल दिया सिस्टम, अब बार-बार आ रहा फॉल्ट

ट्रांसफॉर्मर्स के फ्यूज में तांबे की जगह मिश्रित वायर का उपयोग
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में उपभोक्ताओं को निर्बाध रूप से बिजली आपूर्ति करने कराए जाने वाले मेंटेनेंस कार्य की अनदेखी की जा रही है। अब ट्रांसफॉर्मर के फ्यूज वायर में भी अधिकारियों ने खेल खेलना शुरू कर दिया है। पहले जहाँ ज्यादा गुणवत्ता वाले और महँगे तांबे के वायर का उपयोग होता था अब वहाँ मिश्रित फ्यूज वायर का उपयोग किया जाने लगा है। बिजली अधिकारियों द्वारा कम खर्चे के चक्कर में इस तार को उपयोग में लाया जा रहा है, क्योंकि तांबा की अपेक्षा मिश्रित तार काफी सस्ता है। अब हालत यह है कि बार-बार फ्यूज उडऩे की शिकायतें बढ़ रही हैं और बिजली सप्लाई बंद होने से जनता परेशान हो रही है।
तांबे का तार ही उपयोगी
उपभोक्ताओं को बिना किसी रुकावट के बिजली आपूर्ति किए जाने के लिए ट्रांसफॉर्मर लगाए जाते हैं, इसके साथ ही प्रत्येक ट्रांसफॉर्मर के साथ एक सर्किट फ्यूज बॉक्स भी लगाया जाता है, जिसमें 200, 300 व 400 एम्पीयर के कटआउट सर्किट लगे होते हैं। विद्युत अधिकारियों की मानें तो नियमानुसार इनमें शुद्ध तांबे के फ्यूज वायर लगाए जाने चाहिए जो लंबे समय तक उपयोगी होते हैं, मगर बिजली अधिकारियों द्वारा इसके चोरी होने का बहाना बताकर अब तांबे की जगह मिश्रित तार का उपयोग किया जा रहा है। 
कड़े होने से टूट जाते हैं वायर
फील्ड कर्मचारियों का कहना है कि लोहा मिश्रित फ्यूज वायर जल्दी ही कड़े हो जाते हैं, जिससे इन्हें कटआउट में लगाने में बहुत परेशानी होती है, साथ ही ये वायर कड़े होने के कारण ज्यादा दिनों तक नहीं चलते हैं और टूट जाते हैं, जिससे जल्दी-जल्दी शार्ट होने की शिकायतें बढ़ती हैं और इसका खामियाजा उपभोक्ताओं को उठाना पड़ता है। इसके अलावा दो, तीन और चार सौ एम्पीयर के कटआउट सर्किट में तांबे की जगह मिश्रित तार के तारों का उपयोग किए जाने की वजह से जरा सा भी लोड बढऩे पर वह गरम होकर पिघलने तक लगते हैं। 
ग्रामीण क्षेत्रों में बिगड़ते हैं हालात
सूत्र बताते हैं कि शहरों से ज्यादा बदतर ग्रामीण क्षेत्रों के हाल हैं। स्थिति यह है कि गाँवों में लगे फ्यूज सर्किट बॉक्स में कटआउट ही नहीं होते हैं और जहाँ कहीं लगे भी हैं तो फ्यूज वायर ही नहीं लग पाते हैं, क्योंकि संसाधनों की कमी के चलते कर्मचारियों को फ्यूज वायर उपलब्ध नहीं कराए जाते हैं। 

Created On :   6 March 2021 3:10 PM IST

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