* कोरोना टीकाकरण में सामने आ रहीं अनियमितताएँ -19000 डोज खराब..!

* Irregularities coming to corona vaccination - 19000 dose is bad ..!
* कोरोना टीकाकरण में सामने आ रहीं अनियमितताएँ -19000 डोज खराब..!
* कोरोना टीकाकरण में सामने आ रहीं अनियमितताएँ -19000 डोज खराब..!

* 18+ के लिए स्लॉट बुकिग अब भी मुश्किल 
* अब तक वैक्सीनेशन में वेस्टेज 4 प्रश. के करीब
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
कोरोना संक्रमण के बीच चल रहे टीकाकरण अभियान में लगातार अनियमितताएँ सामने आ रहीं हैं। कहीं टीका लगने के बाद मैसेजेस नहीं मिल रहे हैं, तो कहीं 18+ कैटेगरी में स्लॉट नहीं मिल रहा। दूसरी तरफ जिले में अब तक दोनों तरह की वैक्सीन को मिलाकर 5 लाख 44 हजार 400 डोज मिले हैं, वहीं इनमें से 4 लाख 80 हजार 621 डोज लगाई जा चुकी है, वहीं वर्तमान में 44 हजार 790 डोज उपलब्ध है। इस लिहाज से देखें तो अब तक 18 हजार 989 खराब हो चुके हैं, जो कि कुल प्राप्त डोज का लगभग 4 प्रतिशत है। 
लोगों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों मेंं टीकाकरण अपने लक्ष्य से पीछे रहा है, ऐसे में अगर 45+ कैटेगरी के लोग टीकाकरण केंद्रों पर कम पहुँच रहे हैं, तो उनके हिस्से के डोज 18+ कैटेगरी   को क्यों नहीं लगाए जा सकते। सरकार ने भले ही स्लॉट बुकिंग के लिए समय तय कर दिया हो, इसके बाद भी चंद सेकेंडों में ही स्लॉट भर जाते हैं। वहीं एक बड़ी समस्या उन्हें भी है जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है और अगर है भी तो कई लोग ऐसे हैं जो उसे ऑपरेट करना नहीं जानते। ऐसे में ये लोग वैक्सीनेशन कैसे कराएँ, इसका कोई विकल्प अब तक नहीं है। वहीं एक मामला ऐसा भी सामने आया जहाँ हितग्राही ने कोवैक्सीन का पहला डोज लगवाया लेकिन जब सर्टिफिकेट जारी हुआ तो उसमें कोविशील्ड का जिक्र था और वैक्सीनेशन सेंटर व तिथि भी गलत थी।  
31 मार्च को लगी वैक्सीन सर्टिफिकेट 17 अप्रैल का 
हाथीताल निवासी 47 वर्षीय अशोक परमार ने 31 मार्च को शासकीय आयुर्वेद कॉलेज में कोवैक्सीन का पहला डोज लगवाया था। उनके साथ उनके माता-पिता ने भी कोवैक्सीन ही लगवाई। टीकाकरण के बाद माता-पिता के नाम के अलग-अलग सर्टिफिकेट की  लिंक मैसेज के माध्यम से मिली, जबकि उनके लिए किसी तरह का मैसेज नहीं आया। एक पखवाड़ा बीत जाने के बाद मैसेज मिला, जिसकी लिंक से सर्टिफिकेट डाउनलोड करने पर जो सर्टिफिकेट मिला, उसमें वैक्सीनेशन की तारीख 17 अप्रैल थी, वहीं वैक्सीनेशन सेंटर का नाम सीडी गोरखपुर लिखा हुआ था। सबसे ज्यादा आश्चर्य तो यह देख कर हुआ कि वैक्सीन के नाम की जगह कोविशील्ड लिखा था। 
इनका कहना है
तकनीकी समस्या के चलते अगर गलत सर्टिफिकेट जनरेट हो गया है तो ऐसे हितग्राही सुधार के लिए आवेदन देकर सुधार करा सकते हैं, ताकि वैक्सीन की दूसरी डोज लगाई जा सके। 
-डॉ. एसएस दाहिया, जिला टीकाकरण अधिकारी 
 

Created On :   17 May 2021 8:34 AM GMT

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