ISRO ने रचा इतिहास, EMISAT की सफल लॉन्चिंग, अब दुश्मनों पर आसमान से रहेगी नजर

ISRO ने रचा इतिहास, EMISAT की सफल लॉन्चिंग, अब दुश्मनों पर आसमान से रहेगी नजर
हाईलाइट
  • ISRO आज लॉन्च करेगा एमिसैट सैटेलाइट
  • इस पूरे उड़ान क्रम में 180 मिनट लगेंगे
  • भारतीय रॉकेट पोलर सैटेलाइट लांच व्हीकल से अतंरिक्ष में स्थापित किए जाएंगे 28 उपग्रह

डिजिटल डेस्क, श्रीहरिकोटा। भारतीय अतंरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) लगातार इतिहास रचता जा रहा है। आज (सोमवार) को EMISAT सैटेलाइटकी सफल लॉन्चिंग के साथ इसरो ने एक नया कीर्तिमान हासिल किया है। इसरो ने भारतीय रॉकेट पोलर सैटेलाइट लांच व्हीकल (PSLV) द्वारा इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस सैटेलाइटEMISAT सैटेलाइटको सुबह 9.27 बजे लॉन्च कर दिया है। लॉन्चिंग प्रक्रिया सुबह 6.27 बजे से शुरू हो गई थी।  एमिसैट (EMISAT) की लॉन्चिंग रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (DRDO) के लिए की गई है। ताकि दुश्मनों देशों पर आसमान से नजर रखी जा सके। ISRO के वैज्ञानिकों ने बताया कि आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा रॉकेट पोर्ट से PSLV C-45 मिशन के तहत रॉकेट तीसरे पक्ष के 28 उपग्रहों को ले गया है। इन्हें तीन अलग-अलग कक्षों में स्थापित करेगा। 

 

 

बता दें कि हाल ही में किए गए ऐंटी सैटेलाइट मिसाइल (ऐ-सैट) टेस्‍ट के बाद यह दूसरा स्‍पेस ऑपरेशन है। जिसको लेकर ISRO ने कहा कि रॉकेट पहले 436 किग्रा के एमिसैट सैटेलाइटको 749 किलोमीटर के कक्ष में स्थापित करेगा। इसके बाद यह 28 उपग्रहों को 504 किमी की ऊंचाई पर उनके कक्ष में स्थापित करेगा। इसरो के मुताबिक रॉकेट को 485 किमी तक नीचे लाया जाएगा जब चौथा चरण/इंजन तीन प्रायोगिक भार ले जाने वाले पेलोड के प्लेटफॉर्म में बदल जाएगा। इस पूरे उड़ान क्रम में 180 मिनट लगेंगे। रॉकेट आज सुबह 9 बजकर 27 मिनट पर उड़ान भरेगा। जिसमें 220 किलोग्राम वजन वाले 28 अंतरराष्‍ट्रीय ग्राहक उपग्रह शामिल होंगे। जिनमें 24 अमेरिका, दो लिथुआनिया, स्पेन और स्विट्जरलैंड के एक-एक उपग्रह शामिल हैं। 

 

 

आतंकियों पर रहेगी नजर
एमिसैट इसरो और DRDO द्वारा बनाया गया उपग्रह है, जिसका मकसद दुश्मनों पर निगाह रखना है। एमिसैट सैटेलाइट से जांच एजेंसियों को पाकिस्तान, चीन और आतंकियों द्वारा की जा रही है देश विरोधी गतिविधियों पर नजर रखने में मदद मिलेगी। एमिसैट सैटेलाइट का इस्तेमाल दुश्मन के राडार का पता लगाने और कम्युनिकेशंस इंटेलीजेंस और तस्वीरों को इकट्ठा करने के लिए किया जाएगा। सीमाओं पर तैनात दुश्मन के राडार और सेंसर्स पर निगरानी रखने में मदद मिलेगी। दुश्मन के इलाकों का सटीक इलेक्ट्रॉनिक नक्शा बनाने में मदद यानी अगर कोई हमारे खिलाफ साजिश रच रहा होगा, तो उसपर भारत की नज़र रहेगी। सीमाओं पर मौजूद मोबाइल समेत अन्य संचार उपकरणों की सही जानकारी देगा। उदाहरण के तौर पर बॉर्डर पर मौजूद आतंकी अड्डों पर कौन और कितने लोग एक्टिव हैं इसकी निगरानी करने में भारत को आसानी रहेगी। मोबाइल और संचार उपकरणों के जरिए होने वाली बातचीत को डिकोड करेगा। 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

Created On :   1 April 2019 3:40 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story