ISRO ने लॉन्च किया GSAT-6A सैटलाइट, जानिए क्या है खासियत

ISRO will launch the GSAT 6A Satellite today from Srihari Kota
ISRO ने लॉन्च किया GSAT-6A सैटलाइट, जानिए क्या है खासियत
ISRO ने लॉन्च किया GSAT-6A सैटलाइट, जानिए क्या है खासियत
हाईलाइट
  • इसरो के अनुसार 2140 किलो वजनी जीसैट-6ए संचार सैटलाइट को ले जाने वाले जीएसलवी एमके-द्वितीय (जीएसएलवी - एफ08) जीसैट-6ए सैटलाइट रक्षा उद्देश्यों के लिए सेवाएं उपलब्ध कराएगा।
  • इस सेटेलाइट को आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से दूसरे लॉन्च पैड से लॉन्च किया गया।
  • इस सैटलाइट के जरिए हाई थर्स्ट विकास इंजन सहित कई सिस्टम को प्रमाणित किया जाएगा
  • जिसे चंद्रयान-2 के लॉन्चिंग के लिए इस्ते

डिजिटल डेस्क, श्रीहरिकोटा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) आज GSAT-6A सैटेलाइट लॉन्च कर दिया। इस सेटेलाइट को आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से दूसरे लॉन्च पैड से लॉन्च किया गया। इसरो के अनुसार 2140 किलो वजनी जीसैट-6ए संचार सैटलाइट को ले जाने वाले जीएसलवी एमके-द्वितीय (जीएसएलवी - एफ08) जीसैट-6ए सैटलाइट रक्षा उद्देश्यों के लिए सेवाएं उपलब्ध कराएगा। यह इस प्रक्षेपण यान की 12वीं उड़ान होगी। इस सैटलाइट के जरिए हाई थर्स्ट विकास इंजन सहित कई सिस्टम को प्रमाणित किया जाएगा, जिसे चंद्रयान-2 के लॉन्चिंग के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

 

 

क्या है GSAT-6A ?

इस सैटेलाइट को 270 करोड़ रुपए की लागत बनाया गया है।   

सैटेलाइट का वजन 21.40 क्विंटल है। 

सैटेलाइट का साइज 1.53X1.56X2.4 है। 


GSAT-6A की खासियत?

आई-2 के बस: इसे इसरो ने ही बनाया है। यह सैटेलाइट को 3119 वॉट पावर देता है।

इस सैटेलाइट में लगने वाला एंटीना सामान्य एंटीना से तीन गुना चौड़ा है। जो छह मीटर व्यास वाला है। 

इस सैटेलाइट में एस-बैंड लगा है, जो मोबाइल की 4-जी सर्विस के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह मौसम की जानकारी देने वाले रडार, शिप रडार, कम्युनिकेशन सैटेलाइट में भी इस्तेमाल होता है।

 



कम्‍यूनिकेशन सर्विसेज के लिए होगा इस्तेमाल

आपको बता दें कि GSAT-6 साल 27 अगस्‍त 2015 से ही कम्‍यूनिकेशन सर्विसेज दे रहा है। यह सैटेलाइट रक्षा के मकसद से काम करेगा और साधारण मकसद के लिए इसकी ट्रांसपोंडर क्षमता नहीं बढ़ाई जाएगी। इसरो की ओर से अब तक 95 स्‍पेसक्राफ्ट मिशन लॉन्‍च हो चुके हैं। इसरो ने जनवरी में ही अपना 100वां सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेजा था और उस लॉन्‍च में भारत के इन 3 स्वदेशी उपग्रहों के अलावा कनाडा, फिनलैंड, फ्रांस, दक्षिण कोरिया, ब्रिटेन और अमेरिका के 28 सैटेलाइट भी लॉन्‍च किए गए थे। 


GSLV रॉकेट की खासियत

इस रॉकेट की 12वीं उड़ान है।

GSLV-F08 की ऊंचाई 49.1 मीटर है।

GSLV-F08 4156 क्विंटल वजनी है जो 4 रेल इंजन के बराबर है।

Created On :   29 March 2018 4:27 AM GMT

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