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राज्य भर के पुलिस स्टेशनों में सीसीटीवी कैमरा लगाने का मामला, ठेकेदारों को लगी कड़ी फटकार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने राज्य भर के पुलिस स्टेशनों में सीसीटीवी कैमरे लगाने में हो रहे विलंब को लेकर कैमरा लगाने के कार्य से जुडे ठेकेदार को कड़ी फटकार लगाई है। और कहा कि हम इस मामले में ठेका देने के स्वरुप को लेकर संतुष्ट नहीं है। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दो ठेकेदारों को कोर्ट में तलब किया था। इसके तहत कोर्ट में उपस्थित एक ठेकेदार ने अपने कार्य की सराहना करते हुए कहा कि उसने नई दिल्ली में कैमरे लगाने का काम किया था। जिसके चलते पुलिस को दिल्ली में साल 2020 में हुए दंगों के दोषियों को पहचानने में मदद मिली है। बेगलूरु की कंपनी जावी सिस्टम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधि ने अपने वकील के माध्यम से कोर्ट में यह बात कही। इस कंपनी व पुणे की सुजाता कंप्युटर को राज्य सरकार ने अगस्त 2021 को पुलिस स्टेशनों मे सीसीटीवी कैमरा लगाने का ठेका दिया था। ठेके के तहत 22 सप्ताह के भीतर कैमरा लगाने के काम को पूरा करना था। बीती सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इन दोनों ठेकेदारों को तलब किया था। और कैमरा लगाने के काम में हो रही देरी को लेकर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया था। अब तक इन दोनों ठेकेदारों ने आधार काम किया है और कोर्ट से पिछली सुनवाई के दौरान और 16 हफ्ते के समय की मांग की थी।
ठेकेदार के मुताबिक अब तक कैमरा लगाने का 65 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। शेष काम दस दिनों में पूरा कर लिया जाएगा। शुक्रवार को राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी ने कहा कि दोनों ठेकेदारों ने कार्य में हुए विलंब के लिए खेद व्यक्त किया है। इसके साथ ही वे देरी के काराणों का खुलासा करने के लिए भी तैयार है और यह भी बताना चाहते है कि कब तक काम को पूरा किया जाएगा। श्री कुंभकोणी ने कहा कि अतीत में ठेकेदार ने अच्छा काम किया था। इसलिए राज्य सरकार ने 65 करोड़ रुपए के सीसीटीवी प्रोजेक्ट के लिए उसका चयन किया है। जावी कंपनी से उन्हें जो जानकारी उन्हें मिली है उसके मुताबित कंपनी द्वारा लगाए गए कैमरों के चलते दिल्ली पुलिस को साल 2020 में दिल्ली में हुए दंगों के दोषियों को पहचानने में मदद मिली है।
एल एंड टी कंपनी ने काम से किया था इनकार
इन दलीलों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति एसजे काथावाला व न्यायमूर्ति मिलिंद जाधव की खंडपीठ ने राज्य के महाधिवक्ता से पूछा कि उसने कि मुंबई के ट्राफिक सिग्नल में कैमरा लगाने के काम को पूरा करनेवाली एल एंड टी को पुलिस स्टेशनों में कैमरा लगाने का काम क्यों नहीं दिया। इस पर श्री कुंभकोणी ने कहा कि कोर्ट में सबके सामने कहने में अटपटा लग रहा है लेकिन एल एंड टी से जब इस बारे में पूछा गया तो उसने अपने जवाब में कहा था कि वह पान-बिड़ी की दुकान से जुड़ा काम नहीं करती। 65 करोड़ रुपए की रकम उसके लिए काफी कम है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि हम चाहते है कि काम समय पर पूरा हो। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन हो। फिर बजट भले 650 करोड़ रुपए का हो। हमे इसकी परवाह नहीं है। हम सिर्फ अंत में सिर्फ परिणाम चाहते है। जिस तरीके से इस मामले में काम का ठेका ठेकेदारों को दिया गया है हम उससे संतुष्ट नहीं है। ठेके के लिए 13 लोगों ने बोली लगाई थी और इसमे से सिर्फ इन्हीं दो के टेंडर पर विचार किया गया।जबकि इनकी बोली भी कम थी। खंडपीठ ने फिलहाल दोनों ठेकेदारों को काम पूरा करने को लेकर लिखित आश्वासन देने को कहा है और याचिका पर सुनवाई 15 मार्च 2022 को रखी है।
Created On :   11 March 2022 9:09 PM IST