परिवार के दबाव में अजित ने दिया इस्तीफा, खडसे बोले - भाजपा और शिवसेना की सरकार बनती तो अच्छा था

It was good if BJP-Shiv Sena formed government - Khadse
परिवार के दबाव में अजित ने दिया इस्तीफा, खडसे बोले - भाजपा और शिवसेना की सरकार बनती तो अच्छा था
परिवार के दबाव में अजित ने दिया इस्तीफा, खडसे बोले - भाजपा और शिवसेना की सरकार बनती तो अच्छा था

डिजिटल डेस्क, मुंबई। वरिष्ठ भाजपा नेता एकनाथ खडसे ने अजित पवार के इस्तीफे को ‘इज्जत बचाने की कवायद करार दिया। खडसे ने कहा-अजित पवार द्वारा उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना इज्जत बचाने की कोशिश है। अगर वह बुधवार को महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत परीक्षण तक इंतजार करते तो उनके लिए अधिक शर्मिंदगी भरा होता। खडसे ने कहा कि अगर भाजपा और शिवसेना के बीच कोई समाधान निकल आता, तो यह महाराष्ट्र के लिए बेहतर होता। इससे पहले शिवसेना सांसद संजय राउत ने मंगलवार को कहा था कि अजित दादा ने इस्तीफा दे दिया है और अब वह हमारे साथ हैं। उद्धव ठाकरे अब अगले पांच वर्ष तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री होंगे। बीते शनिवार की सुबह 8 बजे राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने यहां राजभवन में फडणवीस और पवार को क्रमश: मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलवाई थी। 


इस्तीफे के बाद अजित पवार ने साधी चुप्पी

चाचा शरद पवार से मात खाने के बाद उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने को मजबूर हुए अजित पवार भूमिगत हो गए हैं। अजित पवार ने 26/11 आतंकी हमले की बरसी को लेकर ट्वीट करते हुए शहीदों को तो श्रद्धांजलि दी लेकिन अपने इस्तीफे के बारे में उन्होंने कोई ट्वीट नहीं किया। इस्तीफे के बाद उन्होंने मीडिया से बात नहीं की साथ ही सरकार बनाने जा रही शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस की बैठक में भी नहीं पहुंचे। बताया जा रहा है कि पारिवारिक दबाव के चलते अजित पवार अपने पैर पीछे खींचने पर मजबूर हुए। अजित पवार ने शनिवार को जब अचानक उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली तो चाचा शरद पवार के साथ उनका पूरा परिवार सकते में था। दोनों के बीच मनमुटाव की खबरें तो जगजाहिर थीं लेकिन किसी को उम्मीद नहीं थी कि अजित पवार बगावत कर भाजपा से हाथ मिला लेंगे। इसीलिए बागी विधायकों के साथ-साथ अजित पवार को भी मनाने के लिए पवार परिवार ने पूरी ताकत झोंक दी। परिवार के लोग लगातार अजित के संपर्क में थे और उन्हें वापस आने के लिए मान मनौव्वल कर रहे थे। परिवार और पार्टी में बिखराव रोकने के लिए मंगलवार को अजित के भाई श्रीनिवास पवार ने उनसे बातचीत की। इसके बाद सुप्रिया सुले के पति सदानंद सुले ने अजित से संपर्क किया और मुंबई के एक होटल में उनसे मुलाकात की। 


प्रतिभा पवार के हस्तक्षेप के बाद माने अजित

मंगलवार को खुद शरद पवार और उनकी बेटी सुप्रिया सुले ने अजित पवार से बातचीत की। सूत्रों के मुताबिक अजित पवार को मनाने में शरद पवार की पत्नी प्रतिभा पवार ने सबसे अहम भूमिका निभाई। परिवार से लगातार बढ़ते दबाव का ही असर था कि अजित पवार ने शपथ लेने के बावजूद उपमुख्यमंत्री पद नहीं संभाला था। सोमवार को वे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की बैठक में नहीं पहुंचे। अपनी राजनीतिक सूझबूझ का परिचय देते हुए शरद पवार ने भतीजे के सामने शर्त रखी कि अगर वे इस्तीफा दे देते हैं तो उन्हें माफ कर दिया जाएगा। अजित को विधायक दल के नेता पद से तो हटाया गया लेकिन रिश्ते न टूटे इसलिए उन्हें पार्टी में बरकरार रखा गया। अजित पवार के खिलाफ तीखे बयान देने से भी पार्टी और परिवार के लोग बचते रहे। मीडिया से भी शरद पवार ने सिर्फ इतना कहा कि उपमुख्यमत्री बनने और भाजपा को समर्थन देने का फैसला अजित पवार का निजी फैसला था पार्टी से इसका कोई लेना देना नहीं था। एक-एक कर सभी राकांपा विधायक वापस लौट गए तो अजित पवार के पास भी कोई चारा नहीं बचा और विधानसभा में किरकिरी कराने से बेहतर उन्होंने इस्तीफा देना ही समझा।
 

Created On :   26 Nov 2019 2:22 PM GMT

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