भाजपा के लिए आसान नहीं होगा राकांपा के गढ़ में सेंध, 1994 से सीट पर पवार परिवार का कब्जा 

It will not be easy for BJP to break into NCP stronghold
भाजपा के लिए आसान नहीं होगा राकांपा के गढ़ में सेंध, 1994 से सीट पर पवार परिवार का कब्जा 
आसान नहीं राहें भाजपा के लिए आसान नहीं होगा राकांपा के गढ़ में सेंध, 1994 से सीट पर पवार परिवार का कब्जा 

डिजिटल डेस्क, मुंबई, अमित कुमार, मुंबई। राज्य की सत्ता में वापसी से उत्साहित भाजपा अब राकांपा अध्यक्ष शरद पवार के गढ को भेदने के कमर कस ली है। 2014 के लोकसभा चुनाव में बारामती सीट पर जीत हासिल करने के लिए पार्टी ने मिशन बारामती की शुरुआत कर दी है। हालांकि पश्चिम महाराष्ट्र के पुणे जिले की इस लोकसभा सीट पर कई दशकों से पवार परिवार का कब्जा रहा है। इसके पहले भाजपा साल 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व गांधी परिवार की परंपरागत यूपी की अमेठी सीट पर कब्जा जमा चुकी है। भाजपा की नजर अब बारामती सीट पर है। हालांकि भाजपा के लिए पवार से उनके पैतृक क्षेत्र बारामती की सीट छीनना आसान नहीं होगा। बारामती सीट पर पवार परिवार का साल 1984 से कब्जा रहा है। पवार ने कई बार कांग्रेस पार्टी छोड़ी फिर कांग्रेस में वापस शामिल भी हुए। इसके बाद उन्होंने अपनी अलग पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) बनाई मगर बारामती वासियों ने पवार परिवार का साथ कभी नहीं छोड़ा। 
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मोदी लहर में भी नहीं चला था जादू 

बारामती सीट से पवार के बाद उनके भतीजे अजित पवार एक बार सांसद रह चुके हैं। बारामती सीट से वर्तमान में पवार की बेटी सुप्रिया सुले राकांपा की सांसद हैं। सुप्रिया लगातार तीन बार से बारामती सीट से सांसद हैं। सुप्रिया ने राकांपा के टिकट पर साल 2019 के लोकसभा चुनाव में  भाजपा के उम्मीदवार कंचन कुल को 1 लाख  55 हजार 774 वोटों के अंतर से हराया था। सुप्रिया ने राकांपा के प्रत्याशी के रूप में साल 2014 के लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय समाज पक्ष के प्रत्याशी महादेव जानकर को हराया था। भाजपा ने धनगर समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले जानकर को समर्थन देकर बारामती सीट से उतारा था। लेकिन मोदी लहर के बावजूद भाजपा बारामती के किला फतह नहीं कर सकी थी।

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साल 2009 के लोकसभा चुनाव में राकांपा उम्मीदवार सुप्रिया सुले के सामने भाजपा ने कांता जयसिंग नलावडे को उम्मीदवारी दी थी। पर नलावडे को हार का सामना करना पड़ा था। जबकि साल 2004 के लोकसभा चुनाव में राकांपा से शरद पवार ने बारामती सीट पर जीत हासिल की थी। पवार ने बारामती सीट पर भाजपा उम्मीदवार पृथ्वीराज जाचक को पटकनी दी थी। 1999 के लोकसभा चुनाव में राकांपा उम्मीदवार शरद पवार ने भाजपा की प्रत्याशी प्रतिभा लोखंडे को हराया था। साल 1998 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर बारामती सीट पर शरद पवार ने कब्जा जमाया था। उन्होंने भाजपा उम्मीदवार विराज बाबूलाल काकडे को पराजित किया था। साल 1996 के लोकसभा चुनाव में शरद पवार ने कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में निर्दलीय उम्मीदवार शंकरराव पाटील को हराया था। साल 1991 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में अजित पवार ने भाजपा की प्रत्याशी प्रतिभा लोखंडे को पराजित किया था। 

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साल 1989 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार शंकरराव पाटील ने जनता दल के प्रत्याशी संभाजी रावकाकडे को हराया था। साल 1984 के लोकसभा चुनाव में भारतीय कांग्रेस (समाजवादी) के टिकट पर शरद पवार जीत बारामती से जीत हासिल करके पहली बार सांसद बने थे। इस चुनाव में पवार ने कांग्रेस प्रत्याशी शंकरराव पाटील को मात दी थी। लोकसभा के अलावा बारामती विधानसभा सीट पर भी पवार परिवार का कब्जा रहा है। बारामती विधानसभा सीट से फिलहाल अजित पवार विधायक हैं। अजित विधान सभा में विपक्ष के नेता भी हैं।  

बारामती में पवार की पॉवर   

लोकसभा चुनाव     विजयी सांसद      

साल 2019          सुप्रिया सुले (राकांपा) 
साल 2014          सुप्रिया सुले (राकांपा)  
साल 2009          सुप्रिया सुले (राकांपा)   
साल 2004          शरद पवार (राकांपा) 
साल 1999          शरद पवार (राकांपा)  
साल 1998          शरद पवार (कांग्रेस) 
साल 1996          शरद पवार ( कांग्रेस)  
साल 1991          अजित पवार (कांग्रेस)
साल 1989          शंकरराव पाटील (कांग्रेस)  
साल 1984          शरद पवार  (भारतीय कांग्रेस- समाजवादी) 

Created On :   6 Sept 2022 10:06 PM IST

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