महाशिवरात्रि: 1111 किलो के पारदेश्वर महादेव का रुद्राभिषेक, भगवान शिव की 76 फीट की मूर्ति के दर्शन करने उमड़े भक्त

Jabalpur : Crowd reached to Kachnar City temple for worship of Lord Shiva
महाशिवरात्रि: 1111 किलो के पारदेश्वर महादेव का रुद्राभिषेक, भगवान शिव की 76 फीट की मूर्ति के दर्शन करने उमड़े भक्त
महाशिवरात्रि: 1111 किलो के पारदेश्वर महादेव का रुद्राभिषेक, भगवान शिव की 76 फीट की मूर्ति के दर्शन करने उमड़े भक्त

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। कहते हैं कि महाशिवरात्रि में किसी भी प्रहर अगर भोले बाबा की आराधना की जाए, तो मां पार्वती और भोले त्रिपुरारी दिल खोलकर कर भक्तों की कामनाएं पूरी करते हैं। महाशिवरात्रि पर पूरे मन से कीजिए शिव की आराधना और पूरी कीजिए अपनी हर कामना। शहर के शिवालयों में सुबह से ही भक्तों की लंबी-लंबी कतारें लगी रहीं। लोग भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने पहुंचे और मनोकामना की पूर्ति के लिए अर्जियां भी लगायी।

महाशिवरात्रि के मौके पर प्रज्ञाधाम कटंगी में विश्व के सर्वाधिक विशाल 1111 किलो के पारदेश्वर महादेव का रुद्राभिषेक किया गया। इस मौके पर डॉ. स्वामी प्रज्ञानंद ने कहा कि एक करोड़ बार पाषाण के शिवलिंग की पूजा का फल एक बार स्वर्ण के शिवलिंग की पूजा से मिलता है। एक करोड़ बार नर्मदेश्वर की पूजा का फल बराबर एक बार पारदेश्वर महादेव की की पूजा से है। इनके दर्शन मात्र से सुख समृद्धि व शांति मिलती है। भगवान शिव का सबसे प्रिय विग्रह स्वरूप पारद शिव लिंग है। वहीं शहर के कचनार सिटी स्थित 76 फीट ऊंचे भगवान शिव के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ी। यहां पर मेला जैसा महौल रहा।

जबलपुर कचनार सिटी और शिव मंदिर
जबलपुर के कचनार सिटी में भगवान शिव की मूर्ति 23 मीटर के बराबर 76 फीट ऊंची इस प्रतिमा को गुफा के खुले आसमान के नीचे बनाया गया है, जिसमें लिंगम (शिव लिंगम) की प्रतिकृतियां हैं, जिन्हें "ज्योतिर्लिंग" कहा जाता है। गुफाओं में लगभग 12 ज्योतिर्लिंग हैं, जिन पर भगवान शिव की मूर्ति निर्मित है। इन 12 लिंगम को पूरे देश में भगवान शिव के विभिन्न मंदिरों से एकत्रित किया गया है। भगवान शिव की मूर्ति का निर्माण वर्ष 2001 में और 2004 में पूरा हुआ। वर्ष 2006 तक, इसे जनता, पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए उपलब्ध कराया गया।

नंदी महाराज कचनार सिटी मंदिर
भगवान शिव की प्रतिमा के सामने उनके वाहन "नंदी महाराज" की प्रतिमा और जेट पानी प्रमुख आकर्षण है। कचनार शहर और मंदिर के आकर्षण का एक और कारण शाम को "आरती" का नियमित उत्सव है, जो हिंदू धर्म में पूजा के धार्मिक अनुष्ठानों में से एक है। मंदिर में भगवान गणेश और सप्तऋषि की मूर्तियां भी हैं जो लोगों को मंत्रमुग्ध कर देती हैं।

जश्न के दौरान काचरन शहर का मंदिर
महाशिवरात्रि के अवसर पर भगवान शिव की श्रद्धा में विशेष धार्मिक उत्सव प्रतिवर्ष मनाया जाता है। जहां जबलपुर, मध्य प्रदेश और भारत भर के भक्त एक साथ पूजा करने और उत्सव मनाने व भगवान शिव का आशीर्वाद लेने पहुंचे हैं।

शहर के विभिन्न शिवालयों भीड़
शिवरात्रि के मौके पर शहर के विभिन्न शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ी। गुप्तेश्वर, ग्वारीघाट स्थित शिवमंदिर, गुरंदी स्थित शिवमंदिर सहित अन्य मंदिरों में भक्तों की भीड़ रही।

जगह-जगह भंडारे का आयोजन
शिवारात्रि के मौके पर जगह-जगह प्रसाद व भंडारे का आयोजन किया गया। लोगों ने भगवान शिव के प्रसाद को प्राप्त किया। इसी के साथ भगवान शिव की बारात भी निकाली जाएगी।

Created On :   4 March 2019 4:05 PM IST

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