भाजपा के जगताप व तिलक एंबुलेंस से पहुंचे विधानभवन, मतदान के बाद अस्पताल पहुंचे थे मंत्री गडाख 

Jagtap and Tilak of BJP reached Vidhan Bhavan by ambulance
भाजपा के जगताप व तिलक एंबुलेंस से पहुंचे विधानभवन, मतदान के बाद अस्पताल पहुंचे थे मंत्री गडाख 
मतदान करने पहुंच थे तीन बीमार विधायक भाजपा के जगताप व तिलक एंबुलेंस से पहुंचे विधानभवन, मतदान के बाद अस्पताल पहुंचे थे मंत्री गडाख 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विधान परिषद की 10 सीटों के चुनाव में कई विधायक और मंत्री बीमार होने के बावजूद मतदान के लिए विधानभवन में पहुंचे। दूसरी तरफ मतदान के दौरान विधानमंडल में सत्तापक्ष और विपक्षी खेमे में अलग-अलग राजनीतिक रंग देखने को मिला। सोमवार को शिवसेना समर्थित विधायक तथा राज्य के जलसंरक्षण मंत्री शंकरराव गडाख ने पीठ के निचले हिस्से में दर्द होने के बाद भी मतदान में हिस्सा लिया। गडाख वोटिंग करने के बाद मुंबई के एक निजी अस्पताल में भर्ती हुए, जहां पर उनका इलाज चल रहा है। जबकि गंभीर बीमारी से ग्रसित पुणे के पिंपरी चिंचवड सीट से भाजपा विधायक लक्ष्मण जगताप और पुणे के ही कसबापेठ सीट से भाजपा विधायक मुक्ता तिलक ने विधानभवन पहुंचकर मतदान किया। भाजपा विधायक जगताप पुणे से एम्बुलेंस द्वारा पीपीई किट पहनकर विधानभवन पहुंचे। जबकि विधायक मुक्ता अपने निजी वाहन से आई थीं। लेकिन विधानभवन पहुंचने के बाद भाजपा के यह दोनों विधायक व्हीलचेयर की मदद से मतदान कक्ष में पहुंचे थे। मतदान के बाद मुक्ता ने कहा कि पार्टी के आदेश का पालन करना हमारे खून में है। 

जगताप को फडणवीस ने किया था मना 

विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मुझे सुबह पता चला कि विधायक जगताप को बुखार है तो मैंने उन्हें मतदान के लिए आने से मना कर दिया था। लेकिन उन्होंने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील को सुबह 10 बजे दोबारा फोन करके कहा कि मैं मतदान के लिए आऊंगा। फडणवीस ने कहा कि जगताप की पार्टी के प्रति बहुत बड़ी प्रतिबद्धता है। मैं उनके इस जिद को सलाम करता हूं। फडणवीस ने कहा कि जगताप को लगा कि पार्टी को उनके वोट की जरूरत है। इसलिए उन्होंने यहां आकर मतदान किया। वहीं रायगड के अलीबाग सीट से विधायक महेंद्र दलवी वॉकर की मदद से मतदान के लिए आए थे। भाजपा विधायक गिरीश महाजन ने कहा कि हमारे पार्टी के दोनों विधायक जगताप और मुक्ता को वोटिंग के लिए दबाव नहीं डाला गया था। दोनों विधायक अपनी इच्छा से मतदान के लिए आए थे। जबकि प्रदेश के जलसंसाधन मंत्री जयंत पाटील ने कहा कि भाजपा ने अपने दोनों विधायकों की एकदम गंभीर शारीरिक परिस्थिति होने के बावजूद पुणे से मतदान के लिए बुलाया। भाजपा ने असंवेदनशीलता का परिचय दिया है। 

उपमुख्यमंत्री से मिले बावनकुले 

विधान परिषद चुनाव के लिए मतदान शुरू होने के दौरान दोपहर में भाजपा विधायक चंद्रशेखर बावनुकले अचानक उपमुख्यमंत्री अजित पवार से मिलने पहुंच गए। इसके बाद राजनीतिक गलियारे में अलग-अलग तर्क-वितर्क लगाए जाने लगे। हालांकि बाद में बावनुकले ने सफाई देते हुए कहा कि मेरी उपमुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक के राजनीतिक मायने नहीं निकाले जाने चाहिए। मैंने उपमुख्यमंत्री से रायगढ़ के उरण सीट से निर्दलीय विधायक महेश बालदी के निर्वाचन क्षेत्र और नागपुर के एक काम के लिए मुलाकात की थी। उपमुख्यमंत्री गत दिनों पुणे में मेरे बेटे के विवाह समारोह में भी आए थे। इसलिए मुझे उनका आभार व्यक्त करना था। इस मुलाकात का विधान परिषद के चुनाव से कोई संबंध नहीं है। 

नेताओं ने लगाए जमकर ठहाके 

मतदान शुरू होने के बाद विधानभवन के गलियारे में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस और कांग्रेस के मंत्री बालासाहब थोरात, अशोक चव्हाण व राज्य मंत्री सतेज पाटील का आमना-सामना हुआ तो खुब हंसी-ठहाके लगे। कांग्रेस के मंत्रियों को देख फडणवीस ने मजाक में कहा कि हमें पता चला है कि तीन वोट इस ओर है। इस पर राज्य मंत्री पाटील ने कहा कि उनमें से मैं नहीं हूं। जिस पर फडणवीस और कांग्रेस के मंत्रियों ने जमकर ठहाका लगाया। 

हितेंद्र ठाकुर के स्वागत के लिए पहुंचे कांग्रेसी विधायक

तीन विधायकों वाली पार्टी बहुजन विकास आघाड़ी के प्रमुख हितेंद्र ठाकुर के आवभगत में कांग्रेस ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। मतदान के लिए अपने विधायकों के साथ पहुंचे ठाकुर के स्वागत के लिए कांग्रेस उम्मीदवार भाई जगताप समेत आधा दर्जन कांग्रेस के विधायक खड़े थे। विधानभवन के मुख्य प्रवेश द्वार की सीढ़ियों के पास कांग्रेस के राज्य मंत्री विश्वजीत कदम ने ठाकुर को देखते ही कहा कि मुझे आप लोगों का स्वागत करने के लिए कहा गया है। इस पर ठाकुर ने कहा कि ‘मैं इतना बड़ा वीआईपी कभी बनूंगा क्या?’ कांग्रेस विधायकों के स्वागत के सवाल पर ठाकुर ने पत्रकारों से कहा कि मेरा संबंध सभी दलों के नेताओं से है। विधान भवन में मुझे भाजपा और राकांपा के विधायक भी मिले थे। ठाकुर ने कहा कि आगामी स्थानीय निकायों के चुनाव में यह सभी दल हमारे खिलाफ उतरेंगे। कोई एनकाउंटर स्पेशलिस्ट को उतारता है तो कोई किसी और को लाता है। ठाकुर का इशारा शिवसेना की ओर था। साल 2019 के विधानसभा चुनाव में बहुजन विकास आघाड़ी के दबदबे वाली नालासोपारा सीट पर पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा को उम्मीदवारी देने को लेकर था। हालांकि शर्मा चुनाव हार गए थे। ठाकुर ने कहा कि इस चुनाव में हारने वाला उम्मीदवार छोटे दलों और निर्दलीय विधायकों पर ही ठीकरा फोड़ेगा। लेकिन विधायक मछली बाजार नहीं हैं। ठाकुर ने कहा कि यदि कोई विधायक खरीद फरोख्त में शामिल है तो उसका नाम घोषित किया जाना चाहिए। 
 

Created On :   21 Jun 2022 1:03 PM IST

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