डोली उठी तो जेल तय, इतना सुनते ही परिजनों ने रोका बच्ची का विवाह

Jail was fixed when the doli got up, on hearing this, the family members stopped the marriage of the girl child.
डोली उठी तो जेल तय, इतना सुनते ही परिजनों ने रोका बच्ची का विवाह
बाल विवाह की सूचना प्राप्त होने पर पहुँचे महिला बाल विकास के अधिकारी डोली उठी तो जेल तय, इतना सुनते ही परिजनों ने रोका बच्ची का विवाह


डिजिटल डेस्क जबलपुर। महिला अधिकारी समझाती रही कि कम उम्र में बच्ची का विवाह नहीं कर सकते, इससे बच्ची का शारीरिक और मानसिक विकास रुक जाएगा, लेकिन परिजन अड़े रहे िक उनकी बच्ची 18 वर्ष से अधिक की है और विवाह होकर ही रहेगा। इसके बाद महिला अधिकारी ने लहजे को थोड़ा कठोर किया और साफ शब्दों में कहा िक हमारे पास मौजूद दस्तावेजों में बच्ची की उम्र केवल 16 वर्ष है और यदि उसकी डोली उठी तो परिजनों के साथ ही रिश्तेदारों को भी 2 वर्ष की जेल तय है। इतना सुनते ही सभी मान गए और यह तय िकया गया कि बच्ची की शादी अब 18 वर्ष की उम्र पूरी होने पर ही होगी।
बताया जाता है िक सहायक संचालक महिला एवं बाल विकास मनीष सेठ को मंगलवार की दोपहर चाइल्ड लाइन से थाना शहपुरा के अंतर्गत ग्राम किसरौद में बाल विवाह की सूचना प्राप्त हुई व बताया गया था िक किसरौद में 16 वर्ष की बच्ची की शादी उसकी मर्जी के खिलाफ की जा रही है। श्री सेठ ने सूचना पर तत्काल संज्ञान लेते हुए परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास शहपुरा डॉ. कांता देशमुख के नेतृत्व में टीम गठित कर फौरन ग्राम किसरौद के लिए रवाना किया। टीम ने ग्राम किसरौद पहँुचकर बालिका के माता-पिता से भेंट की और उनसे बच्ची के आयु संबंधी दस्तावेज माँगे। दस्तावेजों के परीक्षण में पाया गया कि बच्ची की उम्र लगभग 16 वर्ष ही है। दस्तावेजों में उसकी जन्मतिथि 21 नवम्बर 2006 दर्ज थी। महिला एवं बाल विकास की टीम ने मौके पर ग्रामीणजनों, सरपंच, ग्राम कोटवार और पुलिस बल के समक्ष बालिका के माता-पिता को उसका विवाह 18 वर्ष की उम्र के पश्चात ही करने की समझाइश दी तथा बाल विवाह के दुष्परिणामों से अवगत कराया। काफी मान मनौव्वल और समझाइश के बाद परिजन मान गए।
1 लाख रुपए का जुर्माना भी है
बाल विवाहों की रोकथाम हेतु प्रोहिबिशन ऑफ चाइल्ड मैरिज एक्ट 2006 लागू किया गया है। जिसमें अधिनियम की धारा-9.10 एवं 11 में बाल विवाह कराने सहयोग देने वाले व्यक्ति, व्यक्तियों के लिए 02 वर्ष तक का सश्रम कारावास अथवा 1 लाख रुपए तक का जुर्माना या दोनों ही सजाओं का प्रावधान है। बाल विवाह रोकने में पर्यवेक्षक श्रीमति रूमावाला सोनी, पर्यवेक्षक श्रीमती नीलम कश्यप, पर्यवेक्षक श्रीमती संध्या विश्वकर्मा, पर्यवेक्षक श्रीमती अंकिता छिरौल्या व आँगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती शशि सोनी का सराहनीय योगदान रहा।

 

Created On :   29 Nov 2022 11:19 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story