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जेईई-नीट : आइसोलेशन कक्ष में परीक्षा देंगे संक्रमित
डिजिटल डेस्क, नागपुर। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा आगामी 1 से 6 सितंबर के बीच जेईई मेन्स परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। 13 सितंबर को नीट परीक्षा होगी। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंख ने शनिवार को बयान जारी किया कि, परीक्षा नहीं टलेगी, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए विद्यार्थियों को परीक्षा देनी ही होगी। परीक्षा को लेकर नागपुर में तैयारियां जारी हैं। इस बार कोविड-19 को लेकर परीक्षार्थियों और परीक्षा केंद्रों के लिए विशेष गाइडलाइन जारी की गई है, लेकिन इसमें स्पष्टता का अभाव है। परीक्षा को दो दिन शेष है।
चिंता : कहीं परीक्षा के चक्कर में संक्रमण न फैल जाए
गाइडलाइन में कहा गया है कि, नियमों का पालन करने वाले किसी भी विद्यार्थी को नहीं लौटाना है। विद्यार्थी पॉजिटिव है या उसका तापमान ज्यादा है, तो उसे आइसोलेशन कक्ष में बिठाकर परीक्षा लेनी है। उसके लिए एक विशेष इनविजिलेटर तैनात करना है। ऐसे में आयोजकों की यह परेशानी है कि, कहीं परीक्षा के चक्कर में संक्रमण न फैल जाएं। परीक्षा से जुड़े एक अधिकारी ने चिंता जताई कि, नागपुर में कुछ दिनों से लगातार बारिश है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद है। बारिश में भीगते विद्यार्थियों की इम्यूनिटी और कमजोर होगी, जिससे बीमार होने का खतरा अधिक होगा।
विद्यार्थियों को परीक्षा केंद्र पर दिए गए 3 प्लाय मास्क पहनने के निर्देश दिए गए हैं।
हर वक्त एक-दूसरे से कम से कम 6 फीट की दूरी रखना अनिवार्य।
परीक्षा केंद्र में परीक्षार्थी अपने साथ सिर्फ एक पारदर्शी बॉल पेन, पासपोर्ट साइज फोटो, 50 मि.ली का हैंड सैनिटाइजर और पारदर्शी सैनिटाइजर ले जा सकेंगे।
विद्यार्थी केंद्र में कुछ भी नहीं ले जा सकेंगे। सामान रखने की जिम्मेदारी केंद्रों की नहीं होगी।
शहर में ऐसा हो रहा है आयोजन
जेईई मेन्स परीक्षा कम्प्यूटर सेंटर्स पर होगी। नीट शहर के सीबीएसई स्कूलों में होगी। नागपुर में कुल 50 से 60 केंद्र हैं। करीब 30 हजार विद्यार्थी होंगे। एक परीक्षा कक्ष में अधिकतम 12 विद्यार्थियों को बैठने की अनुमति होगी। कक्ष में एक बेंच छोड़कर विद्यार्थियों को बिठाया जाएगा। यानी कक्षा की एक कतार में जहां पहले 6 विद्यार्थी बैठते हैं, अब 3 ही बिठाए जा सकेंगे। इसमें मुख्य बात यह है कि, परीक्षार्थियों के शरीर का तापमान और एडमिट कार्ड जांचने के बाद ही उन्हें परीक्षा केंद्र में प्रवेश दिया जाएगा। हांलाकि ट्रैवल हिस्ट्री और मेडिकल सर्टिफिकेट नहीं मांगा जाएगा। इसके अलावा विद्यार्थियों और परीक्षा केंद्रों को एक विस्तृत गाइडलाइन का पालन करने को कहा गया है।
इनकी सलाह है
परीक्षा पर जानकारों का कहना है कि, परीक्षार्थी मजबूत मानसिकता के साथ परीक्षा दें। एक्सपर्ट निशा कोठारी के अनुसार जो परिस्थिति है उसे स्वीकार करना ही पड़ेगा। डर के कारण इम्युनिटी कमजोर होगी। अब सकारात्मक मानसिकता के साथ परीक्षा देना ही एकमात्र विकल्प है।
Created On :   30 Aug 2020 3:35 PM IST