कच्ची उम्र में शादी के खिलाफ बागी हुईं बेटियां, चार नाबालिगों ने खुद रुकवाया बाल विवाह

Jharkhand: Daughters rebelled against marriage at a young age, four minors themselves stopped child marriage
कच्ची उम्र में शादी के खिलाफ बागी हुईं बेटियां, चार नाबालिगों ने खुद रुकवाया बाल विवाह
झारखंड कच्ची उम्र में शादी के खिलाफ बागी हुईं बेटियां, चार नाबालिगों ने खुद रुकवाया बाल विवाह

डिजिटल डेस्क, रांची। अब झारखंड में लड़कियां कच्ची उम्र की शादी के खिलाफ बगावत कर रही हैं। पिछले एक हफ्ते के भीतर चार लड़कियों ने खुद पुलिस-प्रशासन के पहुंचकर अपना बाल विवाह रुकवाया है। इन सभी ने अपने माता-पिता और अभिभावकों के फैसले का विरोध किया और जब वे नहीं माने तो उनके खिलाफ कंप्लेन लेकर प्रशासन के पांच पहुंचीं।

कोडरमा के डोमचांच थाना के काराखुट गांव की गुड़िया कुमार 17 साल की है। माता-पिता ने उसकी मर्जी के खिलाफ शादी तय कर दी। तारीख 12 मई तय हुई थी। गुड़िया ने पहले घरवालों को समझाने की कोशिश की। कहा कि वह आगे पढ़ाई करना चाहती है। घरवाले मानने को तैयार नहीं थे।

आखिरकार गुड़िया अपनी कुछ सहेलियों के साथ डोमचांच के बीडीओ उदय कुमार सिन्हा के कार्यालय पहुंचीं और शादी रुकवाने की लिखित अर्जी दी। बीडीओ ने तत्काल कदम उठाया। पुलिस गुड़िया के घर पहुंची। उसके माता-पिता को थाना बुलाया गया। उन्हें शादी कैंसिल करनी पड़ी। उनसे बांड भरवाया गया कि अगर बच्ची की सही उम्र के पहले और उसकी मर्जी के खिलाफ शादी की गयी तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।

दूसरी घटना रामगढ़ की है। यहां बरकाकाना ओपी क्षेत्र के हेहल मल्हार टोला निवासी 13 वर्षीय अंजली कुमारी की शादी उसकी ही बड़ी बहन ने पूर्व से विवाहित कुजू निवासी राजू बिरहोर के साथ तय कर दी। अंजली के पिता के पहले ही निधन हो चुका है। शादी बीते 30 अप्रैल को होनी थी। इसके पहले अंजली खुद भागकर बरकाकाना ओपी पहुंची और वहां से प्रभारी मंटु चौधरी से आपबीती बतायी। पुलिस ने अंजली की बहन किरण देवी को थाने बुलाकर पूछताछ की। उसे सख्त हिदायत देते हुए शादी रुकवा दी गयी।

रामगढ़ जिले में ही तीन पहले ऐसी एक और घटना सामने आयी। यहां रामगढ़ शहर के चित्रगुप्त नगर क्षेत्र में एक नाबालिग लड़की का विवाह राजस्थान के कोटा निवासी एक व्यक्ति से कराये जाने की तैयारी कर ली गयी थी। लड़की ने किसी तरहइसकी सूचना जिला प्रशासन तक पहुंचायी। सूचना मिलते ही जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी शांति बागे और प्रखंड विकास पदाधिकारी एनी रिंकू कुजूर ने पुलिस प्रशासन एवं चाइल्डलाइन के सहयोग से शादी रुकवायी और बच्ची का रेस्क्यू किया। बच्ची को फिलहाल चाइल्ड लाइन में रखा गया है।

चौथी घटना चतरा जिले के प्रतापपुर की है। यहां कसमार गांव निवासी कल्पू भारती ने 15 साल की बेटी की शादी 2 मई को करने की तैयारी कर ली थी। शादी के दो दिन पहले लड़की प्रशासन के पास शिकायत लेकर पहुंची कि घरवाले उसकी मर्जी के बगैर उसकी शादी करा रहे हैं। बीडीओ मुरली यादव ने पुलिस और चाइल्डलाइन की मदद से शादी रुकवायी और उसके पिता को सख्त चेतावनी देकर छोड़ा।

बता दें कि बाल विवाह के मामले में झारखंड तीसरे नंबर पर है। कुछ महीने पहले आये नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 के मुताबिक झारखंड में 32.2 प्रतिशत यानी प्रत्येक 10 में से कम से कम तीन लड़कियों की शादी 18 साल से कम उम्र में कर दी जाती है।

आईएएनएस

Created On :   3 May 2022 11:30 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story