झारखंड : प्रवासी मजदूर बनाएंगे सरकारी स्कूलों के यूनीफॉर्म

Jharkhand: Migrant laborers will make uniforms in government schools
झारखंड : प्रवासी मजदूर बनाएंगे सरकारी स्कूलों के यूनीफॉर्म
झारखंड : प्रवासी मजदूर बनाएंगे सरकारी स्कूलों के यूनीफॉर्म

डिजिटल डेस्क, रांची। झारखंड में अन्य प्रदेशों से लौटे वैसे मजदूर जो अन्य राज्यों में गारमेंट कंपनियों में टेलरिंग का काम करते थे, उनसे सरकारी स्कूलों के छात्र-छात्राओं के यूनीफॉर्म (ड्रेस) बनाएंगे। इसके लिए राज्य सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि सरकार प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के लिए कृतसंकल्पित है। उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे प्रवासी मजदूरों से जो अन्य राज्यों में गारमेंट कंपनियों में टेलरिंग का काम करते थे, उनसे सरकारी स्कूलों के छात्र-छात्राओं के यूनीफॉर्म (ड्रेस) बनवाने पर भी विचार कर रही है।

उन्होंने कहा, सरकार प्रवासियों से उनके अपने ही गांव और कस्बे के बच्चों की पोशाक बनवाने पर विचार कर रही है। पंचायत के स्कूलों में नामांकित बच्चों की संख्या के आधार पर उन्हें यूनीफॉर्म सिलनी होगी। पोशाक का मटेरियल उन्हें उपलब्ध कराया जाएगा या फिर राशि दी जाएगी, इस पर अंतिम फैसला होना बाकी है। उन्होंने कहा कि सरकार उन्हें पोशाक तैयार करने के लिए ऋण उपलब्ध करा सकती है और स्कूलों के वहां से पोशाक लेनी होगी।

इस आधार पर पहली से 12वीं के छात्र-छात्राओं को दो-दो सेट पोशाक के लिए हर साल करीब एक करोड़ पोशाक की आवश्यकता पड़ती है। पहली से आठवीं तक नामांकित करीब 40 लाख बच्चों के लिए दो-दो सेट पोशाक तैयार होनी है। हर बच्चे को दो-दो सेट पोशाक हर साल सरकार की ओर से दी जाती है। इस आधार पर 80 लाख यूनीफॉर्म की जरूरत पड़ती है।

 

Created On :   10 Jun 2020 4:01 PM GMT

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