- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- मुंबई
- /
- न्यायाधीश ने कहा सुधार संभव नहीं-...
न्यायाधीश ने कहा सुधार संभव नहीं- आठ साल की बच्ची से दुष्कर्म के बाद हत्या के दोषी को फांसी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। आठ साल की बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में दोषी ठहराए गए 33 वर्षीय व्यक्ति को विशेष पाक्सो अदालत ने शुक्रवार को फांसी की सजा सुनाई है। गुंडप्पा देवेंद्र उर्फ वडिवेल नाम के व्यक्ति के खिलाफ पुलिस ने अप्रैल 2019 में बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या के आरोप में एफआईआर दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया था। गुंडप्पा को साल 2013 में भी एक नाबालिग के यौन उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद उसे 7 साल की सजा हुई थी लेकिन जेल में अच्छे बर्ताव के चलते उसे 5 साल में ही रिहा कर दिया गया था। मामले में सजा काटकर छूटने के आठ महीने बाद ही उसने दूसरी वारदात को अंजाम दिया था। सजा सुनाते हुए अदालत ने कहा कि दोषी में सुधार संभव नहीं है इसलिए मौत की सजा के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। विशेष न्यायाधीश एचसी शिंदे ने कहा कि सजा सुनाते समय अदालत ने आरोपी के इससे पहले दोषी करार दिए जाने और जिस जघन्य तरीके से वारदात को अंजाम दिया गया उस पर भी गौर किया। बता दें कि विलेपार्ले इलाके में वारदात अंजाम देने के बाद आरोपी ने बच्ची का शव शौचालय की टंकी में फेंक दिया था। गुरूवार को सजा पर बहस के दौरान सरकारी वकील वैभव बागडे ने गुंडप्पा को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की थी। बागडे ने अदालत में कहा था कि गुंडप्पा इससे पहले भी नाबालिग के यौन उत्पीड़न के मामले में दोषी करार दिया जा चुका है। इसके बावजूद उसमें कोई सुधार नहीं हुआ। वहीं गुंडप्पा की वकील सुनंदा नंदेश्वर ने कहा था कि उसके खिलाफ कोई सीधे सबूत नहीं है। उसे परिस्थितिजन्य सबूतों के आधार पर दोषी करार दिया गया है इसलिए फांसी की सजा नहीं दी जा सकती। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अदालत ने शुक्रवार को गुंडप्पा को फांसी की सजा सुनाई।
Created On :   3 Jun 2022 8:12 PM IST