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सुशांत मीडिया ट्रायल में फैसला सुरक्षित, केन्द्र ने कहा - न्यूज चैनल की समाचार समाग्री नियमन को लेकर पहले से ही है व्यवस्था
डिजिटल डेस्क, मुंबई। टीवी न्यूज चैनल की समाचार समाग्री के नियमन को लेकर कानून में पहले से पर्याप्त व्यवस्था अस्तित्व में है। इस व्यवस्था में कोई खामी नहीं दिखाई देती है। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को बांबे हाईकोर्ट में यह दलील दी है। यह दलील फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मामले की मीडिया ट्रायल पर रोक लगाने की मांग को लेकर पूर्व आईपीएस अधिकारियों की ओर से दायर जनहित याचिकाओ पर सुनवाई के दौरान दी गई। याचिका में इस मामले की रिपोर्टिंग के दौरान मीडिया को संयम बरतने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है। सुनवाई के दौरान एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की खंडपीठ के सामने कहा कि मौजूदा कानून में ही मीडिया व टीवी न्यूज चैनल में प्रसारित होनीवाली समाग्री को नियंत्रित करने की व्यवस्था अस्तित्व में है। इस मामले में आत्म अनुशासन की व्यवस्था बेहद कारगर है।
पिछली सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने राज्यसरकार से जानना चाहा था कि क्या उसके पास टीवी न्यूज में प्रसारित की जानेवाली समाग्री के नियमन को लेकर कोई व्यवस्था है। जिसके जवाब में सिंह ने उपरोक्त दलील दी। उन्होंने कहा कि इलेकट्रानिक मीडिया के लिए अलग से दिशा-निर्देश जारी करने की जरुरत नहीं है। केबल टीवी नेटवर्क एक्ट व प्रोग्राम कोड में इस विषय में पर्याप्त व्यवस्था व प्रावधान है। उन्होंने कहा कि पीड़ित पक्ष यदि मीडिया के रिपोर्टिंग से प्रभावित महसूस होता है, तो वह कोर्ट आ सकता है। वह न्यायालय की अवमानना कानून के तहत भी राहत मांग सकता है। यह राहत एफआईआर दर्ज होने के बाद से ही मांगी जा सकती है। प्रोग्राम कोड में यह बात स्पष्ट की गई है कि समाचार समाग्री तभी प्रसारित होगी तब यह प्रोग्राम कोड के तहत होगी।
नए दिशा –निर्देश लागू करना दिक्कत
उन्होंने कहा कि यदि अदालत चाहे तो इस मामले में दिशा-निर्देश बना सकती है लेकिन समस्या उनके पालन की है। उन्होंने कहा कि आज बांबे हाईकोर्ट दिशा-निर्देश जारी करेगी कल को दूसरे राज्य की हाईकोर्ट दिशा-निर्देश बनाएगी। ऐसे में सबसे बड़ी समस्या यह होगी कि इन दिशा-निर्देशों को लागू कैसे किया जाए। इस बीच नेशनल ब्राडकास्टिंग स्टैंडर्ड एथारिटी ने खंडपीठ को आश्वास्त किया कि वह जल्द ही इलेक्ट्रानिक मीडिया की रिर्पोटिंग को लेकर दिशा-निर्देश जारी करेगी। इस तरह खंडपीठ ने मामले से जुड़े सभी पक्षो को सुनने के बाद याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया।
Created On :   6 Nov 2020 6:37 PM IST