- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- जबलपुर
- /
- घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं को...
घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं को वैकल्पिक प्रणाली से दिलाया न्याय - न्याय प्रणाली में परिवर्तन से मिल रहा त्वरित निर्णय
डिजिटल डेस्क जबलपुर । एक महिला का दर्द महिला ही समझ सकती है। मैं जब घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं को देखती थी, तो मेरा मन विचलित हो उठता था। मैं यह सोचती रहती थी कि उन्हें कैसे न्याय दिलाया जाए। यही वजह थी कि मैंने तीन साल पहले पैरा लीगल वॉलेंटियर के रूप में काम करना शुरू किया। यह कहना है इंदिरा नगर सुहागी निवासी अर्चना तिवारी का, जो अभी तक 700 से अधिक घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं को वैकल्पिक प्रणाली से न्याय दिलाने में मदद कर चुकी हैं। इस परिवर्तन से महिलाओं को त्वरित न्याय मिलना संभव हो पाया है। अर्चना बताती हैं कि महिलाओं के सामने सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि उन्हें कानून की जानकारी नहीं होती है। घरेलू हिंसा का शिकार होने के बाद ज्यादातर महिलाएँ सड़क पर आ जाती हैं। सबसे पहले पीडि़त महिलाएँ पुलिस या प्रशासन के पास मदद के लिए गुहार लगाती हैं, लेकिन ज्यादातर महिलाओं को मदद नहीं मिल पाती है। पीडि़त महिला के बारे में जैसे ही उन्हें सूचना मिलती है तो सबसे पहले महिला को वन स्टॉप सेंटर में अस्थाई आश्रय दिलाया जाता है। कोशिश यह की जाती है कि महिला को दोबारा उसके घर भेजा जा सके। इसके लिए पहले पुलिस की मदद ली जाती है, यदि मामला नहीं सुलझता है तो जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के जरिए मीडिएशन और काउंसलिंग कराई जाती है। वैकल्पिक प्रणाली से महिलाओं को न्याय दिलाने में शत-प्रतिशत सफलता मिल रही है।
Created On :   27 Jan 2021 2:30 PM IST